यूपी में कोरोना ने 42 फीसदी तक उछाल मारा है। यह आज का आंकड़ा है। लेकिन नेताओं की रैलियां और कार्यक्रम जारी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज ही अलीगढ़ और देवबंद में दो बड़ी रैलियों को संबोधित किया। रैलियों के फोटो योगी ने खुलकर ट्वीट किए हैं, जिनमें भीड़ देखी जा सकती है। कोरोना के एहतियाती उपायों की धज्जियां उड़ते भी देखी जा सकती हैं।
यूपी में कोरोना आश्चर्यजनक ढंग से बढ़ गया है। राज्य में मंगलवार को 992 मामले आए जबकि सोमवार को महज 572 केस मिले थे। इस तरह मंगलवार को कोरोना 42 फीसदी तक बढ़ गया। प्रदेश में सक्रिय कोविड केसों की तादाद 3178 तक पहुंच गई है। प्रदेश में गाजियाबाद, नोएडा और लखनऊ में तादाद ज्यादा बढ़ रही है।
यूपी स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि पिछले 24 घंटों में डेढ़ लाख से ज्यादा सैंपलों की जांच हुई है। इसी वजह से यह आंकड़ा बढ़ा है। जीनोम स्वीकेंसिंग का काम भी तेज करने का निर्देश दिया गया है। तभी ओमिक्रॉन की सही स्थिति भी पता चलेगी। अभी तो राज्य में ओमिक्रॉन के कुल 26 केस ही सामने आए हैं।
रैलियों का क्या होगा
यूपी सहित 5 राज्यों में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं। यूपी महत्वपूर्ण राज्य है, इसलिए वहां पर हर पार्टी का जोर ज्यादा है। कोई दिन ऐसा नहीं जा रहा है, जब वहां रैलियां न हो रही हों। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अलीगढ़ और देवबंद में दो रैलियां कीं। कल भी वो कई जगह रैलियां करने वाले हैं।
मैं पूछना चाहता हूं कि कोरोना कालखंड में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष, बहन जी और दिल्ली व इटली वाले भाई-बहन कहां थे?... pic.twitter.com/wYEYlighM9
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 4, 2022
प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह आज वाराणसी, मिर्जापुर में पिछड़ा वर्ग सम्मेलन करते नजर आए। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी सक्रिय रहे। फिलहाल कांग्रेस का आज एक ही आयोजन बरेली में था, जिसमें भगदड़ मच गई थी। राहुल गांधी विदेश में हैं, जबकि प्रियंका गांधी वाड्रा के परिवार में कोरोना होने के कारण उन्होंने खुद को आइसोलेट कर रखा है। इसलिए उनके भी सार्वजनिक कार्यक्रम बंद हैं। सपा अध्यक्ष कल जरूर सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए थे, लेकिन आज वो कहीं दिखाई नहीं दिए।
यूपी में कोरोना की स्थिति की लेकर न तो चुनाव आयोग कुछ साफ बता पा रहा है ताकि राजनीतिक दल सबक लें और न ही राजनीतिक दल खुद पहल करके कोई सबक ले पा रहे हैं।
पिछले दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री को यूपी चुनाव आगे बढ़ाने और रैलियां बंद करने की सलाह दी थी। इसके बाद चुनाव आयोग की टीम लखनऊ आई थी। उसने राजनीतिक दलों से बात करने के बाद कहा था कि सभी दल चुनाव चाहते हैं। इस तरह आयोग ने अपना निर्णय न लेकर फैसला राजनीतिक दलों पर छोड़ रखा है।
उधर, जनता में सरकार के रवैए को लेकर गुस्सा देखा जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि कोरोना की पाबंदियां स्वागतयोग्य हैं लेकिन सारी पाबंदियां जनता पर ही क्यों हैं। नेताओं पर ये पाबंदियां कब लगेंगी। जनता चाहती है कि कर्फ्यू के नाम पर सख्ती रात में ही क्यों, दिन में क्यों नहीं।
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