मेरठ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बीजेपी कैप नहीं पहनने पर मुसलिम छात्रा को पहले तो कक्षा के ही छात्रों ने प्रताड़ित किया और जब उसने शिकायत की तो उसे कॉलेज से भी निष्कासित कर दिया गया। कॉलेज के अधिकारियों का कहना है कि छात्रा के ख़िलाफ़ यह कार्रवाई इसलिए की गयी है क्योंकि इंटरनल ग्रीवांस सेल के सामने अपना बयान दर्ज करने के लिए वह उपस्थित नहीं हो सकी।
छात्रा पर दबाव बनना तब शुरू हुआ जब उसकी शिकायत के बाद कॉलेज से दो छात्रों को निष्कासित कर दिया गया। और छात्रा को कॉलेज से निकालने की यह कार्रवाई बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के कॉलेज के अधिकारियों से मुलाक़ात के बाद हुई।
अंग्रेज़ी अख़बार ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ से बातचीत में कॉलेज के निदेशक एस.एम. शर्मा ने कहा, 'छात्रा ने 3 अप्रैल को शिकायत दर्ज करायी थी और तब से अपना बयान दर्ज कराने के लिए हमारे कहने पर भी वह नहीं आयी है। हमने उसके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है और उसे निष्कासित कर दिया है। जब से हमने दो छात्रों को निष्कासित किया है तब से हम पर दबाव भी डाला जा रहा है।'
क्या बजरंग दल भी जुड़ा है?
टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने बजरंग दल के पश्चिम यूपी के संयोजक बलराज डूंगर का बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा है, 'जब आगरा टूर पर साथ गये उसकी कक्षा के छात्रों का ही कहना है कि उसने ट्विटर पर झूठ बोला तो कॉलेज ने दो छात्रों को निष्कासित क्यों कर रखा है? हम इस निष्कासन को भंग कराना चाहते हैं।'
'55 विद्यार्थियों में अकेली मुसलिम छात्र'
तीन अप्रैल को छात्रा ने इस घटना के संदर्भ में ट्विटर पर पोस्ट किया था, 'कल मैं एक कॉलेज ट्रिप पर आगरा गयी थी... 55 छात्रों में मैं अकेली मुसलिम छात्र थी। चार फैकल्टी मेंमबर्स भी थे जिसमें से दो पुरुष थे। छात्र नशे में थे और उन्होंने गंदी चीजें करनी शुरू कर दी और उन्होंने मुझे निशाना बनाया।'
एक अन्य ट्वीट में छात्रा ने लिखा, 'उन्होंने बीजेपी की कैप जैसी चीजें ख़रीदीं और वे मुझे इसको पहनने के लिए मजबूर करने लगे। जब मैंने इनकार कर दिया तो वे मुझे ग़लत तरीक़े से छूने की कोशिश करने लगे। यह सब उस बस में हो रहा था जिसमें दो पुरुष शिक्षक थे लेकिन वे इन सब चीजों को अनदेखा कर रहे थे।'
पुलिस में दी लिखित शिकायत
इस बीच छात्रा ने पुलिस में भी लिखित शिकायत दी है। मामला मेरठ के कॉलेज का है। छात्रों का एक समूह आगरा घुमने गया था। इसी दौरान छात्रा के साथ यह घटना घटी। छात्रा ने यह भी शिकायत की है कि अब उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है।
अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को दी गयी शिकायत में छात्रा ने कहा है, 'हैरासमेंट के ख़िलाफ़ मैंने ट्विटर पर बात की, लेकिन कॉलेज और दूसरे छात्रों ने इसे राजनीतिक और साम्प्रदायिक मुद्दा बना दिया है। वे लोग मेरे निजी फ़ोटो और वीडियो को एक साज़िश के तहत प्रचारित कर रहे हैं ताकि मुझे कॉलेज से बाहर निकाल दिया जाए और शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया जाए।'
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