उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कई जिलों, शहरों के नाम बदलने के प्रस्तावों और मांग की बाढ़ आ गई है। क्या ऐसा किसी राजनीतिक वजह से हो रहा है। इस पर बात करने से पहले देखते हैं कि उत्तर प्रदेश में यह मांग कहां-कहां से आई है।
यूपी चुनाव से ठीक पहले नाम बदलने के प्रस्तावों की बाढ़ क्यों?
- उत्तर प्रदेश
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- 28 Aug, 2021
देवबंद से बीजेपी विधायक बृजेश सिंह ने कहा है कि देवबंद का नाम बदलकर देववृंद कर दिया जाए। देवबंद में नामचीन इसलामिक मदरसा दारूल उलूम स्थित है।

16 अगस्त को अलीगढ़ को हरिगढ़ बनाने का प्रस्ताव वहां की जिला पंचायत ने पास किया। विश्व हिंदू परिषद यह मांग लंबे वक़्त से उठाता रहा है। 16 अगस्त को ही मैनपुरी का नाम मयनपुरी करने का प्रस्ताव वहां की जिला पंचायत में रखा गया।
उत्तर प्रदेश सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने मांग की है कि उनके गृह जिले संभल का नाम बदलकर पृथ्वीराज नगर या कल्कि नगर कर दिया जाए। फिरोज़ाबाद की जिला पंचायत ने भी प्रस्ताव पास किया है कि उनके जिले का नाम चंद्रनगर कर दिया जाए। इसी तरह बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी ने मांग की है कि सुल्तानपुर जिले का नाम कुश भवनपुर कर दिया जाए।