तीन सालों से दलितों से जुड़े मुद्दों पर लड़ रहे भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ ने रविवार को कांशीराम जयंती के मौक़े पर अपनी सियासी पारी की शुरुआत कर ही दी। क्या भीम आर्मी प्रमुख के सक्रिय राजनीति में आने से बीएसपी सुप्रीमो मायावती की मुसीबतें बढ़ सकती हैं?
क्या मायावती को उनकी ही ज़मीन पर चुनौती दे सकते हैं चंद्रशेखर ‘रावण’?
- उत्तर प्रदेश
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- 16 Mar, 2020

क्या दलित नेता के रूप में उभर रहे चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ मायावती को उनकी ही ज़मीन पर चुनौती देने का माद्दा रखते हैं?
चंद्रशेखर ‘रावण’ ने बीते कुछ दिनों से अपनी अलग राजनैतिक पार्टी बनाने के संकेत देने शुरू कर दिए थे। उनके इस इरादे पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया भी दी थी। अपने राजनैतिक दल ‘आज़ाद समाज पार्टी’ का एलान करते हुए चंद्रशेखर ने दलित-मुसलिम गठजोड़ को आज की सियासी ज़रूरत बताते हुए इसी पर काम करने का इरादा जताया।