नागरिकता क़ानून के विरोध-प्रदर्शन की संभावनाओं के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासन को अलर्ट पर रखा है। इसने 21 ज़िलों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। राज्य की राजधानी लखनऊ में भी बीएसएन को छाड़कर दूसरी सभी कंपनियों की मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवा बंद कर दी गई है। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि स्थिति ठीक होने पर इंटरनेट सेवा को बहाल किया जाएगा। बता दें कि राज्य में पिछले शुक्रवार को ज़बरदस्त प्रदर्शन हुए थे और इसी के मद्देनज़र सरकार ने ये क़दम उठाए हैं।
प्रशासन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज़िलों में ज़्यादा सावधानी बरत रही है। बिजनौर, बुलंदशहर, मुज़फ़्फ़रनगर, मेरठ, आगरा, फ़िरोज़ाबाद, संभल, अलीगढ़, ग़ाज़ियाबाद, रामपुर, सीतापुर और कानपुर सहित 21 ज़िलों में इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई है। आगरा में सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है। हालाँकि, लखनऊ में भारी विरोध-प्रदर्शन होते रहने के बावजूद शहर में पहले इंटरनेट सेवा बंद नहीं की गई थी।
बता दें कि नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश में 19 और 21 दिसंबर को हिंसा भड़क गई थी। इसमें कम से कम 19 प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की ख़बर है। उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन दिल्ली के जामिया मिल्लिया इसलामिया विश्वविद्यालय में प्रदर्शन के बाद तेज़ हुए हैं। जामिया में प्रदर्शन के दौरान काफ़ी हिंसा हुई थी। बसों सहित कई वाहनों को आग लगा दी गई थी। इस बीच अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय में भी प्रदर्शन इतना बढ़ गया था कि वहाँ पाँच जनवरी तक छुट्टी कर दी गई और शहर में इंटरनेट बंद कर दिया गया था। इसके बाद पूरे उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन हुए।
मीडिया रिपोर्टों में अतिरिक्त महानिदेशक (क़ानून व्यवस्था) पीवी रामशास्त्री ने कहा है कि अलग-अलग ज़िलों में सुरक्षा कर्मियों को लगाया गया है। गोरखपुर जैसे कई संवेदनशील जगहों पर पुलिस ने फ्लैग मार्च भी निकाला और स्थानीय लोगों के साथ बैठकें भी की हैं। सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त निगरानी रखी जा रही है। कई जगहों पर पारा मिलिट्री के जवानों की तैनाती की गई है और ड्रोन से स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।
पुलिस ने अब तक 327 केस दर्ज किए हैं और 1113 लोगों को गिरफ़्तार किया है। प्रदर्शन रोकने के लिए 5558 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
इधर दिल्ली के जामिया मिल्लिया इसलामिया के छात्रों ने कहा है कि वे दोपहर में यूपी में 'पुलिस बर्बरता' के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश भवन के बाहर प्रदर्शन करेंगे। जामिया के छात्र काफ़ी लंबे समय से इस क़ानून का विरोध करते रहे हैं। जामिया के छात्रों के समर्थन में पूरे देश भर के विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन हुए।
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