उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा-रालोद के गठबंधन के बाद बुरी तरह से जातीय चक्रव्यूह में फँसी बीजेपी के लिए ग़ैर-यादव पिछड़े और ग़ैर-जाटव दलित ही सहारा नज़र आ रहे हैं। बीजेपी को उम्मीद है कि फिर पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तरह अति पिछड़े और अति दलितों के दम पर वह दिल्ली की सीढ़ी यूपी के रास्ते ही चढ़ लेगी।