उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा-रालोद के गठबंधन के बाद बुरी तरह से जातीय चक्रव्यूह में फँसी बीजेपी के लिए ग़ैर-यादव पिछड़े और ग़ैर-जाटव दलित ही सहारा नज़र आ रहे हैं। बीजेपी को उम्मीद है कि फिर पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तरह अति पिछड़े और अति दलितों के दम पर वह दिल्ली की सीढ़ी यूपी के रास्ते ही चढ़ लेगी।
क्या अगड़े नेताओं के प्रचार से पिछड़ों को जीतेगी बीजेपी?
- उत्तर प्रदेश
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- 24 Apr, 2019

यूपी के जातीय चक्रव्यूह में फँसी बीजेपी के लिए सहारा ग़ैर-यादव पिछड़े और ग़ैर-जाटव दलित नज़र आ रहे हैं। हालाँकि इस बिरादरी के चेहरे इस बार या तो नज़र नहीं आ रहे या उन्हें तवज्जो तक नहीं मिल रही।
हालाँकि पिछले चुनावों में बीजेपी के लिए पिछड़ों को गोलबंद करने में दिन-रात एक करने वाले इस बिरादरी के चेहरे इस बार या तो नज़र नहीं आ रहे या उन्हें तवज्जो तक नहीं मिल रही।