जहां एक ओर पूरे देश में कोरोना महामारी से हाहाकार मचा हुआ है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी फरवरी-मार्च 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है। हाल ही में यूपी चुनाव पर रणनीति बनाने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक की गई। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी संगठन मंत्री सुनील बंसल और संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले मौजूद थे।
यूपी में टूटने लगा है बीजेपी-संघ का क़िला
- उत्तर प्रदेश
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- 26 May, 2021

अब बीजेपी का जादू टूट रहा है। बीजेपी समर्थक मानी जाने वाली गरीब दलित-पिछड़ी जातियाँ कोरोना महामारी के दौरान कुव्यवस्था से आजिज आकर दूसरे दलों की ओर देखने लगी हैं। मसलन, 12 फीसद आबादी वाला 'मल्लाह, केवट, निषाद' जाति समुदाय का जीवन तबाही की ओर है। नदियों के किनारे रहने वाले इस समुदाय के सैकड़ों लोग कोरोना से मर गए।
इससे पता चलता है कि इस महामारी के दौर में बीजेपी-संघ की प्राथमिकता क्या है। क्या बीजेपी और संघ के लिए भारत उपनिवेश है? महज सत्ता सुख भोगने का भूखंड! इतनी संवेदनहीनता आखिर आती कहां से है।
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।