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हाथरस भगदड़- व्यथित हूँ, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा: भोले बाबा

हाथरस भगदड़ में 121 लोगों की मौत के 4 दिन बाद भोले बाबा का वीडियो बयान आया है। स्वयंभू बाबा बने सूरज पाल सिंह उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा ने कहा है कि वह इस घटना से बहुत दुखी हैं। उन्होंने बयान में कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह बयान एएनआई को दिया है।

वीडियो बयान में भोले बाबा ने कहा, 'मैं इस घटना से बहुत दुखी हूं। भगवान हमें इस दर्द को सहने की शक्ति दें। कृपया सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखें। मुझे विश्वास है कि जिसने भी अराजकता फैलाई है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। अपने वकील एपी सिंह के माध्यम से मैंने समिति के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे शोक संतप्त परिवारों और घायलों के साथ खड़े रहें और जीवन भर उनकी मदद करें।' 

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हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में इसी हफ़्ते मंगलवार को भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी। इसी को लेकर सवाल पूछा जा रहा है कि क्या सत्संग करने वाले नारायण साकार हरि उर्फ ​​'भोले बाबा' ज़िम्मेदार नहीं हैं? आख़िर एफ़आईआर में उनका नाम क्यों नहीं है? उनसे पूछताछ क्यों नहीं हो पाई है और आख़िर वह सामने क्यों नहीं आ रहे हैं?

एफ़आईआर में भोले बाबा के सहयोगी और कार्यक्रम के मुख्य आयोजक मुख्य आरोपी हैं। एफआईआर में स्थानीय प्रशासन को सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है और आयोजकों को कुप्रबंधन के लिए दोषी ठहराया गया है। मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर ने शुक्रवार रात दिल्ली में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उसे उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में ले लिया। शनिवार को उसे स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मधुकर की गिरफ्तारी में मदद करने वाली सूचना देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। 

इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जाँच इस बात पर भी केंद्रित होगी कि क्या इस त्रासदी के पीछे कोई 'साजिश है। 'भोले बाबा' के वकील ने भी 'असामाजिक तत्वों' को दोषी ठहराया है और जोर देकर कहा है कि यह एक 'सुनियोजित साजिश थी। भोले बाबा के बयान में भी कुछ ऐसी ही साज़िश की बात कही गई है।
3 जुलाई को राज्य सरकार ने हाथरस कांड की जांच करने के लिए एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है।

एसआईटी प्रमुख अनुपम कुलश्रेष्ठ ने पीटीआई को बताया कि हाथरस भगदड़ की जांच कर रही उत्तर प्रदेश सरकार की विशेष जांच टीम ने अब तक 90 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। कुलश्रेष्ठ घटना पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने वाली एसआईटी का नेतृत्व कर रहे हैं। पुलिस जांच की स्थिति पर अधिकारी ने कहा कि अधिक साक्ष्य सामने आने के बाद जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने भी जोर देकर कहा है कि साजिश के पहलू से इनकार नहीं किया जा सकता।

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यूपी के मुख्यमंत्री के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी हाथरस पहुंचे थे। उन्होंने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, 'कई लोगों की जान चली गई है। मैं इसे राजनीतिक चश्मे से नहीं कहना चाहता, लेकिन प्रशासन की कमी तो है। इसका पता लगाना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन लोगों को मुआवजा मिलना चाहिए।' 

उन्होंने कहा, 'हाथरस हादसे के पीड़ित परिवारों को सही मुआवजा मिलना चाहिए। ये लोग गरीब परिवार से हैं, मुश्किल समय है इनके लिए। मुआवजा ज़्यादा से ज़्यादा मिलना चाहिए। यूपी के सीएम से विनती करता हूँ कि दिल खोलकर मुआवजा दें। ग़रीब लोग हैं इसको इनकी ज़रूरत है।' उन्होंने यह भी कहा कि यह समय पर मिलना चाहिए।

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क़मर वहीद नक़वी
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