उत्तर प्रदेश की सियासत में लंबे वक़्त तक बारी-बारी से हुक़ूमत संभाल चुके बीएसपी और एसपी के लिए पिछला विधानसभा चुनाव बेहद ख़राब अनुभव वाला रहा। 2012 के मुक़ाबले दोनों की सीटें काफ़ी घटीं। बीएसपी का तो सूपड़ा साफ होने से बचा और वह सिर्फ़ 19 सीटें जीत सकी जबकि एसपी को 54 सीटें मिलीं।
यूपी: चुनौती पेश करेगा भागीदारी संकल्प मोर्चा?
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- 5 Mar, 2021

ओम प्रकाश राजभर काफी वक़्त से छोटे विपक्षी दलों का एक गठबंधन बनाने में जुटे हैं और इसमें उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिली है।
माया ने छोड़ा साथ
इसके बाद लोकसभा चुनाव 2019 के लिए इन दोनों दलों ने हाथ मिलाया और मिलकर चुनाव लड़ा। बीएसपी को इसका फ़ायदा हुआ और वह 2014 में शून्य सीटों से 10 पर पहुंच गयी। जबकि एसपी अपने पुराने आंकड़े 5 पर टिकी रही। कुछ ही महीने बाद बीएसपी ने गठबंधन से नाता तोड़ लिया।