बहराइच हिंसा के दो आरोपियों को पुलिस ने मुठभेड़ में गोली मार दी। पुलिस का कहना है कि इसने पाँच आरोपियों को गिरफ़्तार किया है और जब इनको भारत-नेपाल सीमा के पास हथियार जब्त करने के लिए ले जाया जा रहा था तो उन्होंने भागने की कोशिश की। पुलिस के अनुसार दो आरोपियों के पैर में गोली लगी है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाक़ी तीन को गिरफ़्तार किया गया है।
उत्तर प्रदेश के बहराइच में दुर्गा पूजा जुलूस के दौरान हुई हिंसा के आरोप में इनको गिरफ़्तार किया गया है। 13 अक्टूबर को दुर्गा पूजा जुलूस के दौरान 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की तब हत्या हो गई थी जब वह कथित तौर पर एक मुस्लिम की छत पर चढ़कर उसके घर में तोड़फोड़ की और धार्मिक झंडे उतारकर भगवा झंडा लगाने की कोशिश कर रहा था।
यह मुठभेड़ बहराइच के हांडा बसेहरी इलाके में हुई, जो नेपाल सीमा के करीब है। यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने एएनआई से कहा, 'जब पुलिस भारत-नेपाल सीमा के पास हथियार बरामदगी के लिए पांचों गिरफ्तार आरोपियों को ले जा रही थी, तो दो आरोपियों ने भागने की कोशिश की। जैसे ही उन्होंने भागने की कोशिश की, गोलियां चलाई गईं। इस दौरान मोहम्मद सरफराज और मोहम्मद तालिब घायल हो गए। अब्दुल हमीद, फहीम और अब्दुल अफजल को गिरफ्तार किया गया। कुल पांच आरोपी गिरफ्तार हैं।'
मुठभेड़ में घायल आरोपियों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। गुरुवार को मुठभेड़ के बाद कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार मुठभेड़ के बाद बहराइच एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि 'पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से दो पुलिस फायरिंग में घायल हुए हैं। मैं उनकी स्थिति का आकलन करने आई हूं। घायलों में एक मोहम्मद सरफराज और दूसरा मोहम्मद तालीम है।' एसपी शुक्ला ने संवाददाताओं को बताया कि घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। साथ ही घटना में इस्तेमाल हथियार भी बरामद कर लिया गया है।
बहराइच के एक मकान मालिक अब्दुल हमीद की बेटी रुखसार ने अपने पिता पर राम गोपाल मिश्रा पर गोली चलाने का आरोप लगने के बाद कहा कि बुधवार को ही उनके परिजनों को पुलिस पकड़कर ले गई, पर उनका किसी थाने में पता नहीं चल रहा है।
उन्होंने कहा कि यूपी स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ ने बुधवार शाम क़रीब 4 बजे उसके पिता, उसके दो भाइयों और एक अन्य युवक को हिरासत में लिया। उसके पति और उसके साले को भी एसटीएफ ने हिरासत में लिया।'
उन्होंने आरोप लगाया कि 'हमें किसी भी पुलिस स्टेशन से उनके बारे में कोई सूचना नहीं मिली है, और हमें डर है कि वे मुठभेड़ में मारे जा सकते हैं!'
इस बीच मुठभेड़ पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने यूपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वह अपनी विफलता को 'ढंकने' की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने एएनआई से कहा, 'उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। राज्य में फर्जी एनकाउंटर की लिस्ट है। मुझे लगता है कि जिस राज्य में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को दंगों के 48 घंटे बाद भी हथियार लेकर घूमना पड़े, इसका मतलब है कि वहां कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। हम यूपी में शांति बहाल करने की अपील करते रहे हैं...'।
यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने कहा, 'सरकार हमेशा से फर्जी मुठभेड़ कर रही है। वे अपनी विफलता को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।'
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अपने सहयोगी दल की बात दोहराई और योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए।
सपा प्रमुख ने कहा, 'अगर सिर्फ एनकाउंटर से कानून व्यवस्था सुधरती तो अब तक यूपी में कई क्षेत्रों में प्रगति हो चुकी होती। यह सरकार, पुलिस और प्रशासन की विफलता है। जो लोग गांव में हुई घटना को संभाल नहीं पाते, वे प्रदेश की कानून व्यवस्था कैसे संभालेंगे? वे लोगों को डराने की बात करते हैं। उन्हें बस एनकाउंटर करना और लोगों को डराना आता है।'
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