क्या स्वतंत्र पत्रकारिता के नाम पर किसी चैनल या पत्रकार को झूठी ख़बर चलाने या लिखने का अधिकार होना चाहिए? क्या महज टीआरपी के लिए या अख़बार का सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए झूठी ख़बर परोसने का अधिकार होना चाहिए? और क्या ऐसी झूठी ख़बर को यूँ ही चलने दिया जाना चाहिए? ख़ासतौर पर वह ख़बर जिससे समाज में तनाव फ़ैले और दो समुदायों के बीच दंगे की नौबत आ जाए?
न्यूज़ चैनल रिपब्लिक भारत ने अयोध्या गोलीकांड की झूठी ख़बर चलाई
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- 14 Feb, 2019
क्या स्वतंत्र पत्रकारिता के नाम पर किसी चैनल या पत्रकार को झूठी ख़बर चलाने या लिखने का हक़ होना चाहिए? रिपब्लिक भारत ने वह ख़बर चलाई है जो 28 साल पहले झूठी साबित हो चुकी है।
