loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार

आगे

कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय

पीछे

असद अहमद, जिसका आज एनकाउंटर कर दिया गया।

अतीक का बेटा असद दिल्ली में था और पुलिस को भनक तक नहीं लगी

गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को जिस यूपी एसटीएफ ने आज 13 अप्रैल को झांसी में मार गिराने का दावा किया, वो दिल्ली के संगम विहार इलाके में 15 दिनों तक रह कर आया था। लेकिन न तो उसे दिल्ली पुलिस और न ही यूपी पुलिस तलाश कर पाईं। यह जानकारी अमर उजाला के दिल्ली संवाददाता ने अपनी एक रिपोर्ट में दी है। 

उस रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी में उमेश पाल का मर्डर होने के बाद असद और गुलाम भागकर दिल्ली आ गए थे। यूपी पुलिस ने असद और इस कांड के अन्य आरोपियों के बारे में देशभर में अलर्ट जारी कर दिया था ताकि ये लोग विदेश नहीं भाग सकें। यूपी एसटीएफ की एक टीम ने दिल्ली का दौरा किया और उसे संगम विहार में छिपे असद और गुलाम की जानकारी नहीं मिली। हालांकि उसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल एक बार असद के नजदीक पहुंच गई थी लेकिन पुख्ता सूचना के अभाव में पकड़ नहीं पाई। 

ताजा ख़बरें

अमर उजाला की रिपोर्ट में कहा गया है कि असद अपने साथ तीन चार हथियार लेकर सोता था। उसे पहले से ही आशंका थी कि पुलिस उसका एनकाउंटर कर सकती है। संगम विहार में भी रहने के दौरान असद काफी एहतियात बरतता था। वो संगम विहार के बाहर निकलता नहीं था। अगर उसे फोन भी करना होता था तो दूसरे के फोन का इस्तेमाल करता था। अपना फोन इस्तेमाल नहीं करने की वजह से पुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिल पा रही थी। 

संगम विहार में जहां असद और गुलाम ने शरण ली थी, उस ठिकाने को दिलाने में अतीक के ड्राइवर शफीक ने भूमिका निभाई थी। इस सिलसिले में पुलिस के पास तीन नाम आए हैं। पुलिस उनसे पूछताछ कर सकती है। असद और गुलाम उन तीनों लोगों के घरों में अलग-अलग समय पर रहे थे। स्पेशल सेल की टीम जब उन्हें तलाशती हुई पहुंची तो दोनों भाग निकले। 

Atiq son Asad was in Delhi and police had no clue - Satya Hindi
घटनास्थल पर मिली बाइक

बाइक कहां से आई

झांसी में आज एनकाउंटर के बाद घटनास्थल पर एक बाइक गिरी हुई पाई गई है। यह बाइक किसकी है या चोरी की है, कोई सूचना अभी तक यूपी एसटीएफ और पुलिस ने नहीं दी है। क्योंकि यूपी पुलिस के पास जो सूचना पहले आई थी, उसमें कहा गया था कि उमेशपाल की हत्या के बाद असद और गुलाम बस के जरिए दिल्ली पहुंचे थे, तब उनके पास कोई बाइक नहीं थी। अब झांसी में उन्हें बाइक पर देखा गया। पुलिस देर-सवेर इस बाइक का रहस्य जरूर खोलेगी और तभी पता चलेगा कि इस एनकाउंटर में बाइक का औचित्य कैसे पुलिस ठहराएगी। क्योंकि पुलिस टीम तो चार पहिया वाहनों पर थी और दोनों आरोपी बाइक पर थे। ऐसे में किसी भी बड़े वाहन से बाइक को गिराया जा सकता है और आरोपियों को जिन्दा पकड़ा जा सकता है। 

उत्तर प्रदेश से और खबरें

बता दें कि अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम का आज झांसी में एनकाउंटर करने का दावा यूपी एसटीएफ ने किया है। आज ही अतीक को प्रयागराज कोर्ट में भी पेश किया गया। अतीक को बेटे के मारे जाने की खबर अदालत में ही मिली और वो रोने लगा। अतीक और उसके परिवार ने समय-समय पर यूपी पुलिस से एनकाउंटर की आशंका जताई है। उनका कहना था कि यूपी पुलिस हर सदस्य का एनकाउंटर करना चाहती है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें