इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं होने पर कड़ा रुख अपनाते हुए इससे जुड़े सरकारी अधिकारियों को जो़रदार फटकार लगाई है और कहा है कि इसकी आपूर्ति नहीं करना अपराध है और यह किसी तरह नरसंहार से कम नहीं है।
लखनऊ और मेरठ ज़िलों में ऑक्सीजन की कमी से कुछ लोगों की मौत होने से जुड़ी खबरों पर प्रतिक्रिया जताते हुए अदालत ने यह टिप्पणी की और जाँच का आदेश दे दिया।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा, 'हमें यह देख कर तकलीफ़ हो रही है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने से कोरोना रोगियों की मौत हो रही है।'
अदालत ने इसके आगे टिप्पणी की,
“
जिन अधिकारियों को ऑक्सीजन लेने और अस्पतालों को उसकी लगातार आपूर्ति करने की ज़िम्मेदारी दी गई है, ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं करना उनकी ओर से किया गया अपराध है और किसी तरह नरसंहार से कम नहीं है।
इलाहाबाद हई कोर्ट की टिप्पणी
चुनाव आयोग को फटकार
अदालत ने राज्य चुनाव आयोग को भी फटकार लगाई। उसने इस पर नाराज़गी जताई कि पिछली सुनवाई में चुनाव आयोग से पंचायत चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की कोरोना से हुई मौतों पर जवाब मांगा गया था, चुनाव आयोग का ज़ोर इन मौतों की तस्दीक करने के बजाय ख़बर को ग़लत साबित करने पर ज़्यादा है।
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