पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी का नेता रहे स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती को झटका लगा है। यह झटका इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले शुक्रवार को दुष्कर्म के एक मामले में दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पैरवी की थी कि चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ दर्ज उस मुक़दमे को वापस लिया जाए। हाई कोर्ट ने सरकार की दलीलों को खारिज कर दिया और इसने कहा कि मुक़दमा वापस नहीं लिया जा सकता है। कोर्ट ने इसकी पैरवी के लिए सरकार की जमकर खिंचाई की।
हाई कोर्ट ने चिन्मयानंद रेप केस में यूपी सरकार की खिंचाई क्यों की?
- उत्तर प्रदेश
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- 3 Oct, 2022
जिस स्वामी चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का मामला 2019 और 2020 में सुर्खियों में रहा था उसको आख़िर किस आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार वापस लेने की मांग कर रही थी? जानिए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने क्या कहा।

अदालत ने किन आधारों पर सरकार की अपील को खारिज किया और इसके लिए अदालत ने क्या क्या कहा, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर यह मामला क्या है।