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अलीगढ़ शराब कांड: अब तक 85 मरे, बीजेपी से जुड़ा है फ़रार अभियुक्त ऋषि

अलीगढ़ में हुए शराब कांड में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है और यह आंकड़ा 85 तक पहुंच गया है। विरोधी दलों द्वारा इस मुद्दे को बड़े पैमाने पर उठाने के बाद योगी सरकार को कार्रवाई करनी पड़ी है और उसने 21 अफ़सरों को निलंबित कर दिया है। सबसे बड़ी गाज प्रदेश के आबकारी आयुक्त पी. गुरुप्रसाद पर गिरी है और उन्हें इस पद से हटा दिया गया है। 

इस मामले में अब तक 17 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है लेकिन 50 हज़ार का इनामी ऋषि शर्मा फ़रार है। ऋषि शर्मा शराब माफिया है, उसके और इस काम में शामिल कुछ अन्य माफियाओं के राजनेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं। 

जिस दुकान से ग्रामीणों को जहरीली शराब बेची गयी थी, उसका लाइसेंस बीते साल मार्च में ही समाप्त हो गया था और इसे लेकर अक्टूबर में शिकायत भी की गई थी। लेकिन इस साल मई में जब कोरोना कर्फ्यू के नियमों में ढील दी गई और शराब की दुकानों को खोलने की इजाजत सरकार ने दी तो यह दुकान फिर से खुल गई। 

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इस कांड में जिस ऋषि शर्मा पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया है, उसकी लगभग सभी दलों में पकड़ रही है। वह लंबे वक़्त तक बीएसपी में रहा है और उसकी पत्नी रेनू शर्मा ब्लॉक प्रमुख रही हैं। लेकिन 2017 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद वह इस पार्टी में शामिल हो गया था। इन दिनों बीजेपी और बीएसपी के नेताओं के साथ उसके फ़ोटो वायरल हो रहे हैं। 

गिरफ़्तार किए गए अभियुक्त अनिल चौधरी का संबंध आरएलडी से बताया गया है और उनकी पत्नी वार्ड 26 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत चुकी हैं। इसके अलावा विपिन यादव पर भी 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया है।  

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आठ बीट सिपाही निलंबित 

एसएसपी, कलानिधि नैथानी ने भी पुलिस महकमे के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है और आठ बीट सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। इन पर आरोप है कि इनके इलाक़ों में शराब बंटती रही। एसएसपी ने हिदायत दी है कि सभी पुलिसकर्मी सतर्क रहें और शराब के ठिकानों को चिन्हित कर पुलिस कार्रवाई की जाए। 

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने राज्य सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है और कहा है कि सरकार मौतों के असल आंकड़े को छुपाने की कोशिश कर रही है और वह शराब माफ़ियाओं के साथ खड़ी है। 

बताया गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले की पल-पल की जानकारी ले रहे हैं और जिलाधिकारी उन्हें हालात के बारे में बता रहे हैं। इस मामले को लेकर बीजेपी और योगी सरकार बुरी तरह घिर गए हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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