समाजवादी पार्टी ने शनिवार को इस बात का एलान कर दिया है कि पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव करहल सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। बीते कई दिनों से यह सवाल सियासी गलियारों में तैर रहा था कि आखिर अखिलेश यादव कौन सी सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे।
अखिलेश यादव सत्ता में आने पर किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने, उत्तर प्रदेश में 300 यूनिट फ्री बिजली देने, समाजवादी पेंशन देने और कई फसलों पर एमएसपी देने की घोषणा कर चुके हैं।
कुछ दिन पहले मैनपुरी की जिला सपा कमेटी की ओर से अखिलेश यादव को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा गया था कि वे करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ें। अखिलेश यादव वर्तमान में आजमगढ़ सीट से लोकसभा सांसद हैं। यह उनका पहला विधानसभा चुनाव होगा।
यादव बहुल सीट है करहल
करहल सीट मैनपुरी जिले में पड़ती है। मैनपुरी का इलाका समाजवादी पार्टी का गढ़ है और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव वर्तमान में यहां से सांसद हैं। करहल की सीट पर साढ़े तीन लाख मतदाता हैं। इनमें से सवा लाख यादव वोटर हैं, शाक्य 35 हजार, राजपूत 30 हजार, ब्राह्मण 16 हजार और 22 हजार मतदाता दलित हैं।
सपा को फायदा होने की उम्मीद
माना जा रहा है कि अखिलेश यादव के लिए इस सीट पर सिर्फ नामांकन भरना ही काफी होगा यानी उनकी जीत आसान है। करहल से अखिलेश यादव के मैदान में उतरने से इस इलाके की यादव बेल्ट पर भी असर होगा। अखिलेश के मैनपुरी से चुनाव मैदान में उतरने से इटावा, एटा, औरैया, कासगंज और फिरोजाबाद जिलों में यादव मतदाता बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के पक्ष में मतदान कर सकते हैं।
हालांकि बीजेपी ने भी इस इलाके में सेंध लगाई है और उसका पता 2019 के लोकसभा चुनाव में तब चला था जब अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव कन्नौज सीट से बीजेपी के प्रत्याशी सुब्रत पाठक से चुनाव हार गई थीं।
अखिलेश यादव ने शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर प्रदेश में आईटी सेक्टर में 22 लाख से ज्यादा नौजवानों को रोजगार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने अपने पिछले कार्यकाल में 18 लाख छात्रों को लैपटॉप बांटे थे।
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