समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को युवा और महिला विंग सहित अपने सभी संगठनों के राष्ट्रीय, राज्य और जिला कार्यकारी निकायों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया। अखिलेश यादव से उम्मीद की जा रही थी कि अपनी गलतियों से सीख कर वो कोर मतदाताओं से माफी मांगेंगे और उनसे नए सिरे से वादे करेंगे। लेकिन उन्होंने कोर वोटरों को भूलकर पार्टी में सुधार शुरू करने की कोशिश की है। हालांकि समस्या की जड़ में संगठन के पदाधिकारी नहीं, बल्कि अखिलेश की खुद की नीतियां हैं। अखिलेश बखूबी जानते हैं कि उनके कोर वोटर मुस्लिम और यादव हैं लेकिन उन्होंने अपने दोनों वोटर समूह को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।