अखिलेश यादव किसान आंदोलन के समर्थन में सड़क पर उतरकर संघर्ष कर रहे हैं। इससे उनके आलोचक और समर्थक दोनों ही आश्चर्यचकित हैं। उनके समर्थक कब से इस लम्हे का इंतजार कर रहे थे। वे मानते हैं कि उनके नेता के सड़क पर आए बिना काम नहीं चलेगा। नेताजी मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक हमसफर रहे कुछ वरिष्ठ नेता ज्यादा बेचैन थे। उन्होंने अखिलेश यादव को अपना नेता तो मान लिया है, लेकिन नेताजी की छवि उनके मानस पटल पर अभी भी अंकित है।
अखिलेश यादव के सड़क पर उतरने का राज क्या है?
- उत्तर प्रदेश
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- 18 Dec, 2020

किसान और नौजवान आरंभ से ही समाजवादी पार्टी की ताकत रहे हैं। समाजवादी पार्टी को किसानों और नौजवानों के मुद्दे पर सीधे जूझने वाली पार्टी माना जाता है। यही कारण है कि जब अखिलेश यादव केवल ट्वीट कर रहे थे तो उनके समर्थकों को निराशा हो रही थी।
'ट्विटर नेता' के तौर पर अखिलेश यादव को देखकर वे हैरान और दुखी थे। अखिलेश यादव का सड़क पर संघर्ष और गिरफ्तारी को देखने के बाद जाहिर तौर पर उन्हें बड़ी खुशी मिली होगी। अपने जुझारू नेताजी की छवि आज वे अखिलेश में देख रहे होंगे।
दूसरी तरफ अखिलेश यादव को 'ट्विटर नेता' और ‘चुका’ हुआ कहने वाले आज खामोश हैं। आलोचक अखिलेश यादव को फॉर्च्यूनर नेताओं से घिरा हुआ और कार्यालय से राजनीति करने वाला कहते थे।
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।