महात्मा गाँधी और जवाहरलाल नेहरू पर सरदार पटेल की अवहेलना का आरोप लगाकर बीजेपी और आरएसएस ने पटेल को अपनी विरासत में समेट लिया है। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने 'किसान नेता' सरदार पटेल की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति नर्मदा के तट पर स्थापित कराई। 182 मीटर ऊँची स्टैचू ऑफ़ यूनिटी के नाम से मशहूर सरदार पटेल की प्रतिमा पर 2989 करोड़ रुपए की लागत आई है। 31 अक्टूबर 2018 को नरेंद्र मोदी ने इसका अनावरण किया।

दो बड़े सफल किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले सरदार पटेल को पूजने और उनकी विरासत पर दावा करने वाले आज सत्ता में हैं। सरदार पटेल और महात्मा गांधी की ज़मीन गुजरात से आने वाले प्रधानमंत्री और गृह मंत्री किसानों के आंदोलन पर खामोश हैं। किसानों के प्रति सरकार की संवेदनहीनता और बेरहमी ब्रिटिश हुकूमत की याद दिलाती है।
जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने सरदार पटेल को गुजराती अस्मिता के साथ जोड़ा था। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने सरदार पटेल को किसान नेता के तौर पर पहचान दी। पटेल की प्रतिमा के लिए उन्होंने पूरे देश के किसानों से हल-फाल-कुदाल के लोहे को एकत्रित करने का अभियान चलाया।
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।