लीजिए! यूपी को अपराधमुक्त करने के दावे का एक और ढोंग सामने आ गया है! क्या दागी यानी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को उम्मीदवार बनाने वाले दल राज्य को अपराधमुक्त कर पाएँगे?
चुनाव सुधार के लिए काम करने वाला संगठन एडीआर यानी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के आँकड़े राजनीतिक दलों के दावों को ध्वस्त करते हैं। यूपी में पहले चरण के चुनाव में 615 उम्मीदवारों में से 156 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसका मतलब है कि 25 फ़ीसदी ऐसे उम्मीदवार हैं जिनका कोई न कोई आपराधिक रिकॉर्ड है। इनमें से 121 उम्मीदवारों पर तो गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। यानी क़रीब 20 फ़ीसदी उम्मीदवार ऐसे हैं।
एडीआर ने ये आँकड़े खुद उम्मीदवारों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर तैयार किए हैं। इसके अनुसार पहले चरण के चुनाव में सबसे ज़्यादा बीजेपी के उम्मीदवार दागी हैं। प्रत्याशियों द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे के मुताबिक़ बीजेपी के 57 प्रत्याशियों में से 29 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि सपा के 28 में से 21 और रालोद के 29 में से 17, कांग्रेस के 58 में 21 प्रत्याशी, बसपा के 56 में 19 उम्मीदवार और आम आदमी पार्टी के 52 में से 8 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
सबसे ज़्यादा बीजेपी के उम्मीदवारों पर आपराधिक रिकॉर्ड के मामले तब आए हैं जब बीजेपी यूपी के चुनाव में विपक्षी दल समाजवादी पार्टी पर अपराध को लेकर निशाना साध रही है। प्रधानमंत्री मोदी लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनावी भाषणों में बार-बार पाँच साल पहले की सरकार की याद दिला रहे हैं और उसे गुंडों की सरकार के तौर पर पेश कर रहे हैं। देश के गृहमंत्री अमित शाह भी कह रहे हैं कि यूपी में पाँच साल पहले तक गुंडों की चलती थी, लेकिन अब रात में भी महिलाएँ बेखौफ होकर बाहर निकल सकती हैं। बीजेपी दावा कर रही है कि राज्य में वह एक ईमानदार सरकार ला सकती है। जबकि सच्चाई यह है कि पिछले चुनाव में भी बीजेपी के सौ से अधिक दागी प्रत्याशी विधायक बने थे।
एडीआर की रिपोर्ट आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की सूची ही नहीं देती है, बल्कि करोड़पति उम्मीदवारों की रिपोर्ट भी देती है। रिपोर्ट के अनुसार, पहले चरण में 280 प्रत्याशी करोड़पति हैं। सबसे अधिक करोड़पति उम्मीदवारों के मामले में भी बीजेपी अव्वल है। बीजेपी के 57 में से 55 प्रत्याशियों ने अपनी संपत्ति एक करोड़ या इससे अधिक बतायी है। बसपा के 50, कांग्रेस के 32, सपा के 23 उम्मीदवार और आरएलडी के 28 उम्मीदवार करोड़पति हैं। आम आदमी पार्टी के भी 52 में से 22 उम्मीदवार करोड़पति हैं।
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