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अब्दुल्ला आजम को दो साल की सजा, जाएगी विधायकी

रामपुर के नवाब आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आजम खान और उनके बेटे अबुल्ला आजम खान को 15 साल पुराने मामले में अदालत ने दोषी करार दिया है। जिस मामले में आजम खान और उनके बेटे को सजा सुनाई गई है वह पंद्रह साल पुराना 31 दिसंबर और 01 जनवरी 2008 का है।  जब वाहन चेकिंग के दौरान आजम खान ने गुस्सा होकर सड़क जाम कर दी थी।
31 दिसंबर 2007 की रात रामपुर के सीआरपीएफ ग्रुप केंद्र पर एक आतंकी हमला हुआ था। हमले के बाद पुलिस आतंकियों की तलाश में वाहन चेकिंग कर रही थी। इस दौरान आजम का काफिला वहां से गुजर रहा था तो पुलिस ने उनके वाहनों को भी चेकिंग के लिए रोक लिया।  इससे नाराज़ होकर आजम खान ने अन्य सपा नेताओं के साथ सड़क जाम कर दी थी। इस मामले आजम खान पर थाना छजलैट के आगे हरिद्वार मुरादाबाद स्टेट हाइवे पर जमा लगाने का आरोप था।
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अब अदालत ने इस मामले में बाप-बेटे दोनों को दो-दो साल की सजा सुनाई है। पुलिस ने कोर्ट से ही उन्हें हिरासत में ले लिया। हालांकि बाद में उन्हें जमानत भी मिल गई।
आजम खान पहले ही दूसरे मामले में अपनी सदस्यता गंवा चुके हैं। उनके बाद अब बेटे अब्दुल्ला की भी विधायकी जानी तय है, क्योंकिएमपी एमएलए कोर्ट ने अब्दुल्ला को दो साल की सजा सुनाई है।
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पुलिस ने इस मामले आजम खां उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम, अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, पूर्व सपा विधायक हाजी इकराम कुरैशी (अब कांग्रेस में), बिजनौर के सपा नेता पूर्व मंत्री मनोज पारस, सपा नेता डीपी यादव, सपा नेता राजेश यादव और सपा नेता राम कुंवर प्रजापति को नामजद करते हुए समर्थकों के खिलाफ एफआईआर लिखी थी।एफआईआर में आजम आदि पर सड़क जाम करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने, भीड़ को उकसाने आरोप लगे थे।
मामले की सुनवाई के बाद बाकी सभी लोगों को दोषमुक्त करार देकर छोड़ दिया गया है जबकि आजम खान और बेटे को दो साल की सजा सुनाई गई है। अब्दुल्ला, इससे पहले 2017 के विधानसभा में भी अपनी विधायकी गंवा चुके हैं।
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क़मर वहीद नक़वी
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