देश की सेना में पहली बार महिलाओं को इतना ऊँचे ओहदे के लिए चयन किया जा रहा है जो किसी सैन्य ईकाई का नेतृत्व भी कर सकती हैं। जानिए कैसे लिया गया यह फ़ैसला।
सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को एनडीए में प्रवेश देने को एक साल टालने की सरकार की अपील को खारिज कर दिया। अदालत ने 14 नवंबर को परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है।
सेना में महिलाओं के पर्मानेंट कमीशन पर ऐतिहासिक फ़ैसला आया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि महिलाओं को भारतीय सेना में पर्मानेंट कमीशन मिलेगा और एनडीए में शामिल किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की तरफ़ से सरकार पर काफ़ी दबाव था।
सर्वोच्च न्यायालय ने देश की महिलाओं के पक्ष में एक ऐतिहासिक फ़ैसला कर दिया है। उसने भारत की फौज में महिलाओं को पक्की नौकरियाँ देने का प्रावधान कर दिया है।
सेना की कमान महिलाओं के हाथ देने में कितना पक्षपात होता रहा है यह सुप्रीम कोर्ट ने ही आज साफ़ कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि सेना में पर्मानेंट कमीशन पाने के लिए महिलाओं के लिए मेडिकल फिटनेस का जो नियम है वह 'मनमाना' और 'तर्कहीन' है।
महिलाओं के प्रति सरकार का जिस तरह का नज़रिया है उस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सरकार को आइना दिखा दिया। आइना क्या दिखाया, साफ़-साफ़ दकियानूसी कह दिया। रूढ़िवादी बता दिया। लिंग के आधार पर भेदभाव करने वाला कह दिया।