यूक्रेन और रूस अब युद्ध के नए दौर की तरफ बढ़ रहे हैं। यूक्रेन ने पश्चिमी देशों में निर्मित एटीएसीएमएस (ATACMS) मिसाइलें दागीं तो रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की मंजूरी अपनी सेना को दे दी है। पूरा घटनाक्रम जानिएः
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन से रूस पर हमले को लेकर पश्चिमी देशों को परमाणु हमले की चेतावनी जारी की है। इसी के साथ दुनिया में विश्व युद्ध का खतरा मंडरा उठा है। क्योंकि अधिकांश पश्चिमी देश रूस और यूक्रेन के संघर्ष में यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं। उधर इजराइल को भी हथियार दिये जा रहे हैं ताकि वो फिलिस्तीन और लेबनान पर हमलों को और बढ़ा सके।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा इस मुलाकात से उन्हें घोर निराशा हुई है। अमेरिका ने कहा है कि यूक्रेन के मुद्दे पर भारत-रूस की बातचीत और बयान यूएन के दायरे में होना चाहिए।
क्या यूक्रेन-रूस के बीच शांति बहाली का प्रयास बिना दूसरे पक्ष को शामिल किए संभव हो सकता है? जानिए, यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन में शांति के लिए रखी गई शर्तों पर भारत का रुख क्या रहा।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) की सोमवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वार्षिक सैन्य खर्च के मामले में अमेरिका दुनिया में पहले नंबर पर है। उसके बाद चीन दूसरे, रूस तीसरे और भारत चौथे स्थान पर है।