भारत ने कहा है कि केवल रूस और यूक्रेन दोनों को स्वीकार्य प्रस्ताव से ही शांति लायी जा सकती है। यह दलील देते हुए भारत ने स्विट्जरलैंड में शांति शिखर सम्मेलन के समापन पर जारी अंतिम दस्तावेज से खुद को अलग करने का फ़ैसला कर लिया। इस तरह सम्मेलन के आखिरी दिन साझे बयान पर सभी देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई।
यूक्रेन शांति के लिए शर्त से असहमत भारत का साझा बयान का समर्थन से इनकार
- दुनिया
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- 17 Jun, 2024
क्या यूक्रेन-रूस के बीच शांति बहाली का प्रयास बिना दूसरे पक्ष को शामिल किए संभव हो सकता है? जानिए, यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन में शांति के लिए रखी गई शर्तों पर भारत का रुख क्या रहा।

यूक्रेन में शांति के लिए 90 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि स्विट्जरलैंड पहुंचे थे। शिखर सम्मेलर में लाए गए साझे प्रस्ताव का क़रीब 80 देशों ने समर्थन किया है। लेकिन भारत ऐसा करने वालों में से नहीं है। भारत कम से कम सात देशों में से एक है जिसने दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के स्थल बर्गेनस्टॉक में जारी 'शांति ढांचे पर साझा ज्ञापन' का समर्थन करने से इनकार कर दिया। भारत के अलावा सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मैक्सिको और संयुक्त अरब अमीरात बयान पर दस्तखत नहीं करने वाले देशों में रहे।