रामनवमी पर बिहार में हुई हिंसा कई मायने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीति को प्रभावित करेगी। अगर वो इसे संभाल नहीं पाए तो इसका नुकसान उन्हें जरूर होगा। यह चिन्ताजनक है कि बिहार में जहां-जहां दंगे हुए, वहां पुलिस ने कार्रवाई करने में निष्क्रियता बरती।
पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हिंसा का इतिहास बहुत पुराना नहीं है। अभी तक यहां के लोग दुर्गा पूजा पर होने वाली राजनीति से वाकिफ थे लेकिन 2014 के बाद से जिस तरह रामनवमी जुलूसों में तलवार और अन्य हथियार लहराए जाने लगे, उसने बंगाल की पूरी राजनीति को प्रभावित कर दिया है।
रामनवमी के मौके पर देश के कई राज्यों में साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई हैं। इसमें बिहार सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। उसके अलावा हरियाणा, झारखंड, हैदराबाद और लखनऊ में भी घटनाएं हुईं।
इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर में हुए हादसे की पड़ताव एनडीटीवी ने की है और दस्तावेजों के हवाले से बताया है कि पूरा मंदिर क्षेत्र अवैध है। नगर निगम ने जब कार्रवाई की कोशिश की तो धार्मिक भावनाएं भड़कने की चेतावनी दी गई और एक्शन रोक दिया गया। अगर यह लापरवाही न होती तो 36 बेशकीमती जानों को बचाया जा सकता था।
इंदौर के स्नेह नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हादसे की वजह क्या रही? आख़िर इसकी देखरेख की ज़िम्मेदारी किसकी थी और क्या समय पर मरम्मत की गई थी?
हादसा इंदौर के स्नेह नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हुआ। प्रत्यदर्शियों के अनुसार मंदिर में राम जन्म का उत्सव मनाया जा रहा था। पूजा-अर्चना के बाद हवन चल रहा था। घटना के वक्त मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। जिसे जहां जगह मिली वह वहां से पूजा-अर्चना और हवन में जुटा रहा।