न्यूज क्लिक के संस्थापक संपादक प्रबीर पुरकायस्थ की रिहाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि किसी को भी अपनी गिरफ्तारी की वजह जानने का हक है। प्रबीर पुरकायस्थ के मामले में इंसाफ के इस तकाजे को तोड़ा गया। लेकिन यह महज न्यूज क्लिक के संपादक का मामला नहीं है, यह मीडिया की आजादी का सवाल है। जिसे सरकार तमाम तरह के फर्जी आरोपों के सहारे नियंत्रित करना चाहती है। स्तंभकार वंदिता मिश्रा का साप्ताहिक कॉलमः