आखिर क्यों नरेंद्र दाभोलकर जैसे एक सामाजिक कार्यकर्ता दहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी जाती है और 7 साल में पुलिस और सीबीआई दोनों जाँच के निष्कर्ष तक नहीं पहुँच पाते?
डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्या मामले में बार-बार जाँच एजेंसियों को देरी या निष्क्रियता को लेकर डाँट लगाती रही अदालत ने अब सत्ताधारी दल और सरकार को फटकार लगाई है। अदालत ने पूछा क्या राज्य सरकार राज्य में ऐसा ही चलते रहने देना चाहती है?
दक्षिणपंथी समूह क्या बुद्धिजीवियों से इतने डरे हुए हैं कि उन्हें मारने के लिए पिस्तौल चलाने, बम बनाने और हत्या करने की ट्रेनिंग दे रहे हैं? डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में पुलिस रिपोर्ट क्या कहती है?
गोविंद पानसरे और नरेंद्र दाभोलकर की हत्या की जाँच में देर होने पर अदालत ने जाँच एजंसियों को फटकार लगाई है। क्या हम लोकतंत्र के नाम पर भीड़तंत्र की ओर बढ़ रहे हैं?