ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर बुधवार को किसानों के साथ झड़प के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के अज्ञात कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है। भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने इसके लिए शिकायत दी थी।
ग़ाज़ीपुर बॉर्डर: किसान और बीजेपी समर्थकों में झड़प, राकेश टिकैत ने दी धमकी। सुप्रीम कोर्ट का सरकार को आदेश, कोरोना से हुई मौतों पर मुआवज़ा दे। प्रियंका सिद्धू में हुई बातचीत को लेकर सस्पेंस, विवाद निपटने के आसार। दिन भर की बड़ी ख़बरों का विश्लेषण-
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। किसान आंदोलन की धार 100 दिन से अधिक होने पर भी कम नहीं हो रही है। इसी क्रम में किसान सरदार भगत सिंह के शहीदी दिवस पर कार्यक्रम कर रहे हैं जिसमें गाजीपुर बॉर्डर पर लाखों की संख्या में किसानों की जुटने की संभावना है।
ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों की तादाद कम ज़रूर हो गई है, मगर आंदोलनरत किसानों के हौसले कम नहीं हुए हैं और न ही उनका संकल्प ढीला पड़ा है। मगर सवाल उठता है कि सौ दिनों में उन्होंने क्या हासिल किया है? ग़ाज़ीपुर बॉर्डर से वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
किसान नेता राकेश टिकैत के आँसुओं से क्या सरकार को डर लग गया? 26 जनवरी को किसान प्रदर्शन के दिन हिंसा के बाद बंद किए गए इंटरनेट को बहाल किया ही जा रहा था कि फिर से इंटरनेट को बंद कर दिया गया।
कल रात की घटनाओं ने ग़ाज़ीपुर बार्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन को संजीवनी दे दी है । हज़ारों किसानों ने कल रात से आज तक यहाँ दबिश दी । कल उखड़ गये टेंट आज फिर लग रहे हैं और आये हुए किसान रात यहीं बिताने की मंशा रखते हैं , शीतल पी सिंह की रिपोर्ट
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर भारी सुरक्षाबल और दर्जनों रोडबेज बसें तैनात । सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन के ख़िलाफ़ कुछ लोगों ने की नारेबाज़ी
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद प्रशासन ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आन्दोलन से जुड़े संगठनों को ग़ाज़ीपुर बॉर्डर खाली करने का नोटिस दे दिया है।