सरकार ने कहा कि वह डिजिटल मीडिया पर आने वाली सामग्री के लिए नियमावली या कोड ऑफ़ कंडक्ट और उसे चलाने वाले प्लेटफॉर्म के लिए दिशा-निर्देश जारी कर रही है।
कभी दुनिया की क्रिकेट का चेहरा बदल देने वाले आस्ट्रेलियाई मीडिया मुगल कैरी पैकर और टेलीविजन की दुनिया बदल देने वाले रपर्ट मर्डाक अब सोशल मीडिया का चेहरा बदलने पर तुल गए हैं।
दुनिया भर के डिजिटल समाचार उद्योग में बड़ी उथल-पुथल मची हुई है। गूगल और फ़ेसबुक जैसी कंपनियों और कई देशों के बीच जारी जंग इस परिवर्तन के केंद्र में है। ऑस्ट्रेलिया में विवाद चल रहा है।
क्या केंद्र सरकार मीडिया पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है? क्या वह अब डिजिटल ही नहीं, टेलीविज़न और दूसरे प्रसार माध्यमों के जरिए स्वतंत्र व निष्पक्ष विश्लेषण का हर रास्ता बंद कर देना चाहती है?
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल भी I&B मंत्रालय के अंतर्गत आएँगे ।अर्णब को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, रिहा करने का आदेश
सरकार ने न्यूज़ पोर्टल और नेटफ्लिक्स, अमेज़ॉन, प्राइम वीडियो और हॉटस्टार जैसे मनोरंजन सामग्री देने वाले ऑनलाइन प्लैटफ़ॉर्म को सूचना व प्रसारण मंत्रालय के तहत लाने का फ़ैसला किया है।
पिछले एक हफ़्ते से मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट में दलील दिए जा रही है कि न्यूज़ चैनलों को छोड़ो और डिजिटल मीडिया को कंट्रोल करो। आख़िर सरकार इलेक्ट्रानिक मीडिया को क्यों छोड़ना चाहती है और डिजिटल मीडिया के पीछे क्यों पड़ गई है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट।
क्या सरकार कुछ वेबसाइटों पर होने वाली अपनी आलोचनाओं से बौखलाई हुई है और उनका मुंह बंद करना चाहती है? क्या वह चाहती है कि ऐसे दिशा निर्देश सुप्रीम कोर्ट से जारी हो जाए जिनके बल पर वह उन वेबसाइटों पर एक झटके में शिकंजा कस दे?