दुनिया भर के डिजिटल समाचार उद्योग में बड़ी उथल-पुथल मची हुई है। गूगल और फ़ेसबुक जैसी कंपनियों और कई देशों के बीच जारी जंग इस परिवर्तन के केंद्र में है। ऑस्ट्रेलिया में चल रहा विवाद बताता है कि पिछले-चार-पाँच सालों से चल रही यह जंग अब निर्णायक दौर में पहुँच गई है। इस जंग का नतीजा चाहे जो हो, मगर डिजिटल न्यूज़ इंडस्ट्री का चरित्र बदलना तय है। गूगल और फ़ेसबुक जैसी कंपनियों के प्रभुत्व में कमी आ सकती है और न्यूज़ बनाने वाली कंपनियों की आय में इज़ाफ़ा हो सकता है।
गूगल, फ़ेसबुक पर दबाव से बदलेगा डिजिटल न्यूज़ उद्योग?
- मीडिया
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- 19 Feb, 2021

दुनिया में डिजिटल जगत को चलाने के लिए अब एक नई व्यवस्था आकार ले रही है और इसके बहुत सारे पक्ष हैं। न्यूज़ कंपनियों को भुगतान एक पक्ष है, विभिन्न देशों को कमाई पर टैक्स दूसरा और डिजिटल कंटेंट का पत्रकारिता के लिए तय मानकों के साथ वितरित करना तीसरा। इसे बनने में वक़्त लगेगा, मगर इसकी शुरुआत हो गई है यह तय है।
वैसे तो इन बड़ी इंफोटेक कंपनियों के ख़िलाफ़ लड़ाई में कई देश मुब्तिला हैं, मगर भूचाल पैदा किया है ऑस्ट्रेलिया ने। ऑस्ट्रेलिया एक क़ानून बना रहा है जिसके तहत गूगल, फ़ेसबुक आदि कंपनियों को उन मीडिया संस्थानों को भुगतान करना पड़ेगा, जिनका कंटेंट वे सर्च इंजन में या बतौर एग्रिगेटर कर रही हैं। ऑस्ट्रेलियाई सरकार से रूपर्ट मर्डोक के न्यूज़ क़ॉर्प जैसे मीडिया संस्थानों ने इस तरह का क़ानून बनाकर उसके व्यापारिक हितों की सुरक्षा करने की माँग की थी।