कांग्रेस तीन राज्यों के चुनाव में अपनी हार की समीक्षा कर रही है। लेकिन वरिष्ठ पत्रकार और सत्य हिन्दी के संपादक आशुतोष का विश्लेषण है कि कांग्रेस को अभी हताश होने की जरूरत नहीं है। इन तीन राज्यों में उसे कम से कम 40 फीसदी वोट तो मिले ही हैं। कांग्रेस को सिर्फ इंडिया गठबंधन के दलों को साथ लेकर विपक्ष की बड़ी भूमिका के लिए खुद को तैयार करना होगा। पढ़िएः
कांग्रेस किस प्रकार की जनता के भरोसे मोदी सरकार से लड़ना चाहती है। सुविधाभोगी और संपन्न लोग कभी भी कांग्रेस के साथ खड़े होकर तानाशाह से नहीं लड़ने जाएंगे। उन्हें अपने आराम में खलल नहीं चाहिए। भारत का राजनीतिक इतिहास यही बताता है। वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग का कहना है कि कांग्रेस को अपनी जनता का चुनाव भी बेहतर तरीके से करना होगा, जो हर संघर्ष में उसके साथ खड़ी हो सके।
अशोक गहलौत अभी कांग्रेस अध्यक्ष बने नहीं हैं लेकिन राजस्थान में उनकी जगह लेने के लिए हंगामा शुरू हो गया है। यह गुटबाजी अगर लंबी चली तो इसका असर पार्टी की छवि पर भी पड़ सकता है। आज की जनादेश चर्चा -
कांग्रेस चिन्तन शिविर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर कोई तस्वीर बन नहीं पा रही है। शनिवार को प्रियंका गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग उठी। दूसरी तरह कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं की उस मांग को मान लिया गया है, जिसमें उन्होंने संसदीय बोर्ड के गठन की मांग की थी। पार्टी में 50 फीसदी पद पिछड़ों को देने पर विचार हो रहा है।
पीके के मना करने के बाद कांग्रेस के सामने अब क्या रास्ता बचा है .क्या कांग्रेस बचेगी या बिखर जाएगी .क्या क्या विकल्प बचा है सोनिया गांधी के पास .आज की जनादेश चर्चा .
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पांच चुनावी राज्यों में पार्टी के पांच नेताओं को नियुक्त करते हुए हार के कारणों पर रिपोर्ट मांगी है लेकिन ऐसी हार की समीक्षा पहले भी हुई है। उन रिपोर्टों पर कितना अमल हुआ, कोई नहीं जानता।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने क्यों कहा कि मुख्यमंत्री पद का फ़ैसला पार्टी का आलाकमान नहीं बल्कि राज्य की जनता करेगी? क्या कांग्रेस में एक और संकट आ गया है?
पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान के बाद कांग्रेस हाई कमान पर एक भी सवाल उठ रहे हैं। क्या कांग्रेस पार्टी में चुनाव से किसी को डरलगता है? क्या इंदिरा गाँधी की तरह ही राहु; गाँधी भी बनाएंगे नई कांग्रेस? देखिये विजय त्रिवेदी की ख़ास बातचीत कांग्रेस नेता कुमार केतकर के साथ द विजय त्रिवेदी शो में
मोदी ने भाजपा में मार्ग दर्शक मंडल बनाकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को वहां पहुंचा दिया .इससे कई तरह की समस्याओं से वे मुक्त भी हैं .तो राहुल गांधी इस प्रयोग को कांग्रेस में क्यों नही लागू कर सकते हैं ?कांग्रेस में नई पीढ़ी बनाम पुरानी पीढ़ी के ताजा टकराव पर आज की जनादेश चर्चा
सिद्धू का इस्तीफ़ा । कपिल की फिर बयानबाज़ी । कपिल के घर पर युवा कांग्रेस का प्रदर्शन । अमरिंदर-शाह मुलाक़ात । क्या कांग्रेस टूटेगी ? राहुल के ख़िलाफ़ बग़ावत ? आशुतोष के साथ चर्चा में विनोद अग्निहोत्री, नीरेंद्र नागर, ऋषि मिश्रा, आचार्य प्रमोद कृष्णम और धीमंत पुरोहित ।
जहां कॉग्रेस के पास सत्ता है वहीं इतनी खलबली क्यों है? पंजाब में कैप्टन अमरिंदर को सिद्धू की चुनौती। और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की राह में कांटोेें की खेती। ऐसे कैसे मोदी को चुनौती देगी कॉंग्रेस पार्टी? आलोक अड्डा में रशीद किदवई, यूसुफ अंसारी, अंबरीश कुमार, राघवेंद्र दुबे, नरेश अरोड़ा और हिमांशु बाजपेई।
पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लंबे समय से चल रही खींचतान ख़त्म होती नज़र आ रही है। इसके बावजूद पार्टी की अंतर्कलह कम होती क्यों नहीं है?