केंद्र में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 2 साल पूरे हो चुके हैं। पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों को क़रीब दो महीने बीत चुके हैं। अगले साल फरवरी-मार्च में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी राजनीतिक दल इनकी तैयारियों में जोर-शोर से जुटे हुए हैं लेकिन कांग्रेस की तैयारियों का कुछ अता-पता नहीं चल रहा।
अपनी कमज़ोरियों पर क्यों आंखें मूंद रही है कांग्रेस?
- राजनीति
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- 3 Jul, 2021

कांग्रेस की अनदेखीआज कांग्रेस की हालत बेहद ख़राब है। कांग्रेस की सबसे बड़ी कमज़ोरी उसका नेतृत्व विहीन हो जाना है।
इस बीच 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर भी हलचल शुरू हो चुकी है ममता बनर्जी विपक्षी नेताओं को एकजुट करने में लगी हुई हैं। शरद पवार की अगुवाई में उन्होंने विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम छेड़ रखी है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं।
हाल ही में दिल्ली में विपक्षी नेताओं की बैठक हुई। इस पूरी क़वायद में कांग्रेस कहीं नजर नहीं आ रही। ऐसा लग रहा है कि 7 साल पहले केंद्र की सत्ता गंवाने और कई राज्यों में लगातार मिली हार के बाद कांग्रेस अब मुख्य विपक्ष के रूप में भी अपनी प्रासंगिकता खोती जा रही है।