भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों की दो साल पहले वायुसेना के हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी। लेकिन जनरल रावत की मौत को लेकर कई सवाल उठे थे, जिनके जवाब आजतक नहीं मिले। तमिलनाडु पुलिस इस मामले में तमाम सबूत तलाशती और मांगती रह गई लेकिन उसे नहीं दिए गए। आखिर क्यों...
सीडीएस जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 12 सैनिकों वाला हेलीकॉप्टर की दुर्घटना के मामले में कोर्ट ऑफ़ इंक्वायरी की रिपोर्ट आ गई है। जानिए, किस वजह से हुआ था हादसा।
अदम्य साहस और वीरता का प्रदर्शन करने के लिए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को हाल ही में शौर्य पुरस्कार मिला था। वह सेना के हेलीकॉप्टर हादसे में एकमात्र जीवित बचे थे।
ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर उन 13 लोगों में से एक थे, जिनकी बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। आज उनको आख़िरी विदाई दी गई।
सोशल मीडिया पर इस हेलीकॉप्टर हादसे को लेकर तमाम तरह की बातें कही जा रही हैं लेकिन भारतीय एयर फ़ोर्स ने लोगों से किसी तरह की अटकलों-अफ़वाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में जीवित बचे ग्रुप कैप्टन का तीन महीने पहले लिखा एक ख़त वायरल हो रहा है। जानिए, आख़िर उन्होंने उस ख़त में क्या लिखा है।
तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियों को उनकी दोनों बेटियों ने शनिवार को हरिद्वार में गंगा में विसर्जित कर दिया।
कुन्नूर में हेलीकॉप्टर दुर्घटना की वजह को लेकर जो अब तक कयास लगाए जा रहे थे अब उसकी सचाई सामने आ जाएगी क्योंकि ब्लैक बॉक्स मिल गया है। जानिए, क्या होता है ब्लैक बॉक्स और कैसे खुलेगा हादसे का राज।
तमिलनाडु के कुन्नूर में सेना के हेलीकॉप्टर हादसे के बाद घटना स्थल पर क्या हालात थे? क्या सीडीएस जनरल बिपिन रावत को जीवित अस्पताल पहुँचाया गया था? जानिए, क्या कहा राहत बचाव में लगे कर्मियों ने।