ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर की आखिरी विदाई अलग रही। अलग इसलिए कि उनके चाहने वाले मुस्कुराते हुए विदाई देने की बात कह रहे थे। दिल में भले ही दुखों का पहाड़ टूटा हो, लेकिन उनकी पत्नी गीतिका लिड्डर ने आखिरी सलाम देते हुए कहा, 'हमें उन्हें एक अच्छी विदाई देनी चाहिए... एक मुस्कान के साथ विदाई'। गीतिका जब यह बोल रही थीं तब उनके साथ उनकी 16 वर्षीय बेटी आशना भी थीं। उनका दुख उस वक़्त भी कितना बड़ा होगा, इसकी कल्पना करना भी शायद बेहद मुश्किल हो!