मुंबई का धारावी फिर से सुर्खियों में है। हाल ही में यह अपनी पुनर्विकास योजना के लिए चर्चा में था। लेकिन अब यहां के लोगों को दूसरी जगह बसाने के नाम पर उनकी सेहत के साथ जो खिलवाड़ किया जा रहा है, उस वजह से फिर चर्चा में है। महाराष्ट्र सरकार और अडानी समूह की कंपनी इस परियोजना में धारावी के लगभग 50,000 से 1 लाख निवासियों को मुंबई के सबसे बड़े कचरा डंपिंग ग्राउंड, देवनार लैंडफिल, में बसाने का प्रस्ताव किया है। यह फैसला पर्यावरण नियमों के खिलाफ तो है ही, साथ ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के दिशानिर्देशों का उल्लंघन भी है।

क्या है पूरी योजना

धारावी पुनर्विकास परियोजना का उद्देश्य इस स्लम क्षेत्र को एक आधुनिक शहरी केंद्र में बदलना है, जिसमें बेहतर आवास, स्वच्छता, और बुनियादी सुविधाएं शामिल हों। इस परियोजना पर नवभारत मेगा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (एनएमडीपीएल) नामक कंपनी काम कर रही है है। इस कंपनी में अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड का 80% हिस्सा है और महाराष्ट्र सरकार की स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) का 20% हिस्सा है। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 23,000 करोड़ रुपये है, और इसे अगले सात वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।