तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में बचे अकेले जीवित शख़्स ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह लाइफ़ सपोर्ट पर हैं और उनका वेलिंगटन में सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरूवार को लोकसभा में यह जानकारी दी।
राजनाथ सिंह ने इस हादसे से जुड़ी जानकारी देश के सामने रखी। हादसे में चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत व 11 अन्य लोगों की मौत हो गई थी।
राजनाथ सिंह ने कहा है कि वरूण सिंह को बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि वे देश भर की ओर से हादसे में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करते हैं।
वरूण सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के देवरिया के रहने वाले हैं और उनके पिता केपी सिंह सेना में कर्नल के पद से रिटायर हुए हैं। वह कांग्रेस के नेता अखिलेश प्रताप सिंह के भतीजे हैं। परिजन भी उनके स्वास्थ्य को लेकर जानकारी मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
वरूण सिंह को इस साल अगस्त में शौर्य चक्र मिला था। यह सम्मान उन्हें इसलिए मिला था क्योंकि उन्होंने इमरजेंसी की स्थिति में भी तेज़स लड़ाकू विमान को सुरक्षित तरीक़े से उतार लिया था।
राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि सीडीएस बिपिन रावत वेलिंगटन के डिफ़ेंस कॉलेज में अपने पहले से तय कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे। उन्होंने कहा, “एयरफ़ोर्स के एमआई 17वी5 हेलीकॉप्टर ने बुधवार को सुबह 11.48 बजे सुलूर एयरबेस से उड़ान भरी। इस विमान को 12.15 मिनट पर वेलिंगटन में लैंड करना था। लेकिन सुलूर एयरबेस के एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल ने 12.08 मिनट पर हेलीकॉप्टर से संपर्क खो दिया।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों ने उलूर के पास जंगल में आग लगी हुई देखी, तो वे भागकर उस जगह पर पहुंचे, वहां उन्होंने सेना के हेलीकॉप्टर को आग की लपटों से घिरे हुए देखा। इसके बाद बचाव दल मौक़े पर पहुंचा और हेलीकॉप्टर के अवशेष में दबे हुए लोगों को निकालकर वेलिंगटन के अस्पताल में ले जाया गया।
उन्होंने कहा कि हादसे की जांच के लिए एयरफ़ोर्स द्वारा एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में ट्राई सर्विस जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
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