उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया कि दोनों भाइयों को मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाया जा रहा है। जवाब देते हुए सरकार ने कहा कि अदालत के आदेश के अनुसार, उन्हें हर दो दिन में चिकित्सा परीक्षण के लिए ले जाना पड़ता था।
पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को एक दिन पहले यानी 14 अप्रैल को भी कोर्ट परिसर में मारने की कोशिश हुई थी। नए तथ्य सामने आने से साफ पता चल रहा है कि यह लापरवाही थी या फिर जानबूझकर की गई लापरवाही थी। इतने दुर्दांत अपराधी का मूवमेंट शूटरों के पास था और पुलिस को हवा तक नहीं थी।
अतीक अशरफ डबल मर्डर में यूपी सरकार ने 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है। समझा जाता है कि उसके संकेतों पर यह कार्रवाई हुई है। अतीक अशरफ का 15 अप्रैल को टीवी कैमरे के सामने मर्डर किया गया था।
पूर्व सांसद अतीक अहमद का एक पत्र सामने आया है, जिसमें कुछ सनसनीखेज जानकारी है। मारे जाने से पहले वो पत्र उन्होंने मुख्यमंत्री और भारत के चीफ जस्टिस को भेजने को कहा था। अतीक के वकील विजय मिश्रा ने सत्य हिन्दी पर इस पत्र का खुलासा करके इस मामले में नया धमाका कर दिया है।
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज और सीबीआई से कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई है। इस बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा बढ़ाने पर विचार हो रहा है।