सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में तमाम हत्याओं की जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति की मांग की गई है। वकील विशाल तिवारी की याचिका में कहा गया है कि 2017 के बाद से हुए 183 एनकाउंटर की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन करके कानून के शासन की रक्षा के लिए दिशा निर्देश जारी करें। इसके साथ ही अतीक और अशरफ की पुलिस हिरासत में हुई हत्या की जांच भी की जाए।
वकील विशाल तिवारी के अलावा यूपी के पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी अतीक-अशरफ मामले में सीबीआई जांच की मांग की है।
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के तीन हत्यारों की पहचान पुलिस ने लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य के रूप में की है। सभी हमलावर 20-22 साल के हैं। डबल मर्डर के बाद पुलिस द्वारा काबू पाने से पहले तीनों आरोपियों ने "जय श्री राम" के नारे लगाए।
तीनों को अदालत में पेश करने के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उन्हें शुरू में प्रयागराज की नैनी जेल में रखा गया था, लेकिन सोमवार को सुरक्षा चिंता के मद्देनजर उन्हें प्रतापगढ़ जेल ट्रांसफर कर दिया गया।
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