प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम नहीं सुनने के लिए छात्रों पर कार्रवाई किया जाना क्या अजीबोगरीब नहीं लगता! एक संस्थान के छत्तीस नर्सिंग छात्रों को शाम को कक्षाओं के बाद अपने छात्रावास से बाहर निकलने से एक सप्ताह के लिए रोक दिया गया। उन पर ऐसी कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि वे 30 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 100वें 'मन की बात' रेडियो प्रसारण को सुनने के लिए एक आधिकारिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए थे।
अजीब हाल है! 'मन की बात' को नहीं सुना तो 36 छात्रों को 'सजा'
- राज्य
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- 12 May, 2023
क्या प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम को नहीं सुनना कोई अनुशासनहीनता है? क्या ऐसा करना कोई अपराध है? तो फिर 36 छात्रों पर कार्रवाई क्यों? जानिए लोग क्या सवाल पूछ रहे हैं।

यह मामला केंद्र सरकार द्वारा संचालित पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) चंडीगढ़ के संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एजुकेशन का है। इसने 3 मई को सजा का आदेश जारी किया है। आदेश को संस्थान की प्रिंसिपल डॉ. सुखपाल कौर ने जारी किया। प्रथम वर्ष के 28 और तीसरे वर्ष के आठ छात्र उन छात्रों में शामिल हैं जिन्हें छात्रावास से बाहर कदम रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी।