दादरा और नगर हवेली से लोकसभा सांसद मोहन डेलकर की आत्महत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। मुंबई पुलिस के सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई है कि मोहन डेलकर ने 14-15 पन्ने के सुसाइड नोट में प्रशासन के एक बड़े अधिकारी समेत इलाके के कई लोगों के नाम लिखे हैं।
मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात का भी खुलासा किया कि ये सुसाइड नोट डेलकर ने अपने लेटर हेड पर लिखा था। डेलकर ने सुसाइड नोट में लिखा है कि पिछले काफी समय से दादरा और नगर हवेली प्रशासन का यह शख्स उन्हें ना केवल झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दे रहा था बल्कि उनके बिजनेस को भी ठप करने की बात कर रहा था।
सूत्रों का कहना है कि इस अधिकारी द्वारा डेलकर को आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईडी और इनकम टैक्स की कार्रवाई का भी डर दिखाया जाता था। कुछ दिनों पहले डेलकर के कार्यकर्ताओं पर भी इसी अधिकारी की शह पर सिलवासा पुलिस ने कार्रवाई की थी। बताया जा रहा है डेलकर पिछले काफी समय से मिल रही धमकियों से परेशान चल रहे थे।
मंगलवार को सिलवासा में मोहन डेलकर का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए डेलकर के निवास स्थान पर काफी लोग जुटे। लोगों ने डेलकर को श्रद्धांजलि दी।
मोहन डेलकर के बेटे अभिनव डेलकर ने सत्य हिंदी डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि उनके पिता का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। साथ ही अभिनव ने महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस से अपने पिता की आत्महत्या में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की भी मांग की है।
सिलवासा के एक स्थानीय पत्रकार ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि मोहन डेलकर पिछले कई सालों से जन सेवा में लगे हुए थे लेकिन पिछले 3-4 सालों से काफी घुटन महसूस कर रहे थे। प्रशासन के कड़े नियमों की वजह से उनके कारोबार को भी काफी नुकसान हो रहा था।
मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि डेलकर ने जो सुसाइड नोट लिखा है और जिन लोगों के नाम और इसमें लिखे हैं आखिर उनका इस आत्महत्या से क्या संबंध है।
गौरतलब है कि मोहन डेलकर सोमवार दोपहर को दक्षिण मुंबई के एक होटल में मृत पाए गए थे। उनका शव मरीन ड्राइव पर होटल सी ग्रीन में मिला था। डेलकर की उम्र 58 साल थी। 2019 में वे केंद्र शासित दादरा और नगर हवेली से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार सांसद चुने गए थे।
1989 से अब तक वे बीजेपी, कांग्रेस, भारतीय नवशक्ति पार्टी के उम्मीदवार और निर्दलीय के तौर पर 7 बार लोकसभा के लिए चुने गए। उन्होंने 1989 से 2004 तक लगातार 6 बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। डेलकर के परिवार में पत्नी कलाबेन डेलकर, दो बच्चे अभिनव और दिविता हैं।
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