मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए चुनावी दंगल शुरू हो चुका है। मुलायम सिंह की विरासत को बचाने के लिए अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को चुनाव मैदान में उतारा है। बीजेपी इस सीट पर आजमगढ़ और रामपुर की तरह कमल खिलाने की पुरजोर कोशिश कर रही है। इस चुनाव में अखिलेश यादव के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं। एक तरफ जहां माना जा रहा है कि चाचा शिवपाल की मदद के बगैर अखिलेश अपनी पत्नी डिंपल को नहीं जिता पाएंगे वहीं चुनावी दंगल में बीएसपी की गैरमौजूदगी मुकाबले को रोचक बना रही है।
मैनपुरी: क्या बीएसपी की गैर मौजूदगी का बीजेपी को मिलेगा फायदा?
- उत्तर प्रदेश
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- 16 Nov, 2022

रामपुर और आजमगढ़ के बाद बीजेपी की कोशिश मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भी जीत हासिल करने की है। यह तय है कि इस उपचुनाव में बसपा को मिलने वाला वोट जिसके खाते में जाएगा, उसकी जीत की संभावना मजबूत हो जाएगी। बसपा का वोट किसे मिलेगा?
सवाल उठ रहा है कि क्या बीएसपी की गैरमौजूदगी सपा को नुकसान पहुंचा कर बीजेपी को कमल खिलाने में मदद करेगी?
मैनपुरी में कितनी मजबूत है बसपा?
मैनपुरी के उपचुनाव में बसपा की गैरमौजूदगी में उसका वोट किस तरफ जाएगा, इसका नतीजों पर गहरा असर पड़ेगा। इस लोकसभा सीट पर बीएसपी कभी जीत नहीं पाई लेकिन अलग-अलग लोकसभा चुनाव में उसे 14 से 31% वोट मिलते रहे हैं। यह माना जाए कि इस सीट पर बीएसपी का करीब 15% वोट पक्का है। लोकसभा के उपचुनाव में इतने वोट नतीजों को निश्चित रूप से प्रभावित करेंगे।