मणिपुर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। इंफाल में एक एम्बुलेंस में आग लगाकर तीन लोगों को जिन्दा जलाकर मार डाला गया। यह वीभत्स घटना रविवार को पुलिस की मौजूदगी में हुई। इंडियन एक्सप्रेस, इंडिया टुडे और अन्य मीडिया आउटलेट ने आज इसको रिपोर्ट किया है। मंगलवार रात को भी कुछ उग्रवादियों ने एक बीएसएफ जवान पर फायरिंग की, जिसमें उसकी मौत हो गई। सुरक्षा बलों के दो जवान भी इस फायरिंग में जख्मी हुए थे।
उधर, द हिन्दू के मुताबिक दिल्ली में मणिपुर के कुकी समुदाय के लोगों ने पूर्वोत्तर राज्य में जारी हिंसा के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास के बाहर बुधवार को प्रदर्शन किया।
मणिपुर में हिंसा जारी है। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सेना प्रमुख राज्य का दौरा कर चुके हैं। अमित शाह जब राज्य के दौरे पर थे तो उन्हें वहां ज्ञापन भी दिए गए थे। मणिपुर स्थित एक नागरिक समाज समूह ने अपने ज्ञापन में कहा था कि कुकी "आतंकवादियों" द्वारा तीव्र हमलों के मद्देनजर राज्य के युवा अपने हथियार आत्मसमर्पण करने को तैयार नहीं थे। 4 जून को गृह मंत्री अमित शाह को दिए ज्ञापन में, मणिपुर अखंडता समन्वय समिति (COCOMI) ने इंफाल घाटी और आसपास की तलहटी में रहने वाले मैतेई लोगों पर कुकी चरमपंथी समूहों द्वारा किए गए हमलों की एक सूची भी दी थी। कोकोमी मुख्य रूप से मैतेई लोगों का प्रतिनिधित्व करता है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इंफाल में रविवार को भीड़ ने एक एंबुलेंस में आग लगा दी। उस घटना में कुकी पुरुष से शादी करने वाली एक मेइती महिला, उसके बेटे और एक रिश्तेदार के मारे जाने की आशंका है।
एंबुलेंस बच्चे को अस्पताल ले जा रही थी, और पुलिस कर्मी उसे एस्कॉर्ट कर रहे थे। यह घटना लाम्फेल पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत इंफाल पश्चिम के इरोइसेम्बा इलाके में हुई। पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रविवार शाम करीब सात बजे वाहन में आग लगा दी गई। उस अधिकारी ने कहा कि हम एंबुलेंस के अंदर से सिर्फ कुछ हड्डियाँ बरामद कर सके हैं।" पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया है।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि मणिपुर में 3 मई को पहली बार मेइती और कुकी के बीच संघर्ष शुरू होने के एक महीने से अधिक समय बाद यह घटना हुई, जो तब से लगातार जारी हैं।
कांगपोकपी जिले के कांगचुप चिंगखोक गांव के निवासियों के अनुसार, मरने वाले तीनों मीना हैंगिंग, उनका 7 वर्षीय बेटा टॉमशिंग और मीना की रिश्तेदार लिडिया लौरेम्बम हैं।कांगचुप क्षेत्र में कई कुकी गांव हैं और कांगपोकपी जिले की सीमा पर इंफाल पश्चिम के साथ फायेंग के मेतेई गांव के करीब है। इस क्षेत्र में 27 मई से हिंसा की दूसरी लहर में भारी फायरिंग देखी जा रही है।
पीड़ितों के एक रिश्तेदार और गांव के निवासी जिन हैंगिंग ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जब रविवार को इलाके में गोलीबारी हुई तो टॉमशिंग सिर में गोली लगने से घायल हो गए थे, जिसके बाद वे क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान जा रहे थे।
उन्होंने बताया कि “हमारे गाँव की महिलाएँ और बच्चे पिछले एक महीने से असम राइफल्स की चौकी पर रह रहे हैं, जबकि पुरुष गाँव की रक्षा का काम कर रहे हैं। रविवार को, टॉमशिंग को दूर से सिर में गोली मार दी गई थी। उसे निशाना बनाया गया था या नहीं, हम नहीं जानते।"
एक अन्य रिश्तेदार, चंपी हैंगिंग ने कहा कि परिवार को विश्वास था कि चूंकि मीना और लिडिया दोनों मेइती थीं। इसलिए घाटी से यात्रा करते समय उन्हें कुछ नहीं होगा। वे तीन वाहनों एंबुलेंस और दो वाहनों में मणिपुर पुलिस कर्मियों के साथ रवाना हुए, जिन्होंने उनका साथ दिया। लेकिन बीच में भीड़ ने एंबुलेंस को रोका और आग लगा दी।"
हालांकि असम राइफल्स के एक प्रवक्ता ने इस बात से इनकार किया कि असम राइफल्स उन्हें अस्पताल ले जाने की कोशिश कर रही थी। प्रवक्ता ने कहा कि मणिपुर पुलिस कर्मियों द्वारा दो महिलाओं और बच्चे को बचा लिया गया था। वही लोग घायल को अस्पताल ले जा रहे थे।
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