बुलंदशहर हिंसा में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। हत्या में मुख्य आरोपी बजरंग दल के ज़िला संयोजक योगेश राज (देखें ऊपर तसवीर में दाएँ) अभी भी फ़रार हैं। पुलिस ने मामले में 2 एफ़आईआर दर्ज़ की हैं जिसमें 27 लोग नामजद हैं और 60 अज्ञात हैं। जो लोग गिरफ्तार हुए हैं, उनमें चमन, देवेंद्र, आशीष चौहान व सतीश शामिल हैं। नामज़द आरोपियों की गिरफ़्तारी के प्रयास चल रहे हैं। जिला कोर्ट ने तीन आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। सूबे में कानून-व्यवस्था का जायज़ा लेने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार लखनऊ में अपने आवास पर बैठक बुलाई। सुबोध कुमार सिंह ग्रेटर नोएडा के दादरी में हुए अख़लाक हत्याकांड मामले में जाँच अधिकारी रह चुके थे। 2015 में गोकशी की अफ़वाह के चलते अख़लाक की हत्या कर दी गई थी। एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) आनंद कुमार का कहना है कि दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को नोटिस जारी किया है।
यह भी पढ़ें : अख़लाक केस मे जाँच अधिकारी रहे थे इंस्पेक्टर सुबोधइससे पहले शहीद सुबोध कुमार सिंह को एटा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ सलामी दी गई और उनका अंतिम संस्कार किया गया। सुबोध सिंह को शहीद का दर्ज़ा दिया गया है।
इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की पत्नी का कहना है, 'मेरे पति ने पूरी ईमानदारी से काम किया। यह पहली घटना नहीं है, इसके पहले भी उन्हें दो बार गोली लगी थी। लेकिन कोई उन्हें न्याय नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा, न्याय केवल तभी होगा जब उनके हत्यारों को मौत की सजा हो।
विस्तार से पढ़ें : सुबोध की पत्नी ने कहा, पति को मिलती थी हत्या की धमकी
सुबोध की बहन ने कहा कि अख़लाक हत्याकांड की जाँच करने की वज़ह से ही उनके भाई की हत्या की गई है। उन्होंने कहा, मेरे भाई की हत्या पुलिस की साज़िश है। शहीद की बहन ने सीएम योगी पर बरसते हुए कहा कि योगी केवल गाय, गाय, गाय करते हैं। शहीद के बेटे अभिषेक ने कहा, 'मेरे पिता मुझे अच्छा इंसान बनाना चाहते थे जो धर्म के नाम पर समाज में हिंसा न फ़ैलाए। अभिषेक ने सवाल पूछते हुए कहा, ‘आज हिंदू-मुस्लिम के झगड़े में मेरे पिता ने अपनी जान गँवाई है, कल किसके पिता की जान जाएगी?'
विस्तार से पढ़ें : सुबोध के बेटे ने पूछा, ‘किसके पिता की जान जाएगी कल?बुलंदशहर से बीजेपी सांसद भोला सिंह ने कहा कि पुलिस को इजतमा के बारे में कोई सूचना नहीं दी गई थी, इसी वज़ह से हिंसा हुई है। सूत्रों के अनुसार पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को मारने के लिए .32 एमएम बोर की गन का इस्तेमाल किया गया था। आपको याद होगा, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सोमवार को जमकर बवाल हुआ था और इसमें
एक इंस्पेक्टर सहित दो लोगों की मौत हो गई थी। गाँव स्याना के पास जंगल के क़रीब गायों के अवशेष मिलने की ख़बर से पूरे इलाक़े में तनाव फ़ैल गया। भारी संख्या में वहाँ लोग इकट्ठा हो गए थे और उन्होंने जमकर बवाल किया था।
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