बुलंदशहर हिंसा और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार हत्या के मामले में आरोपी फ़ौजी जीतू को जेल भेज दिया गया है। क्राइम ब्रांच की टीम जीतू फ़ौजी को कई घंटों की पूछताछ के बाद भारी सुरक्षा में कोर्ट लेकर पहुंची थी। कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया। इससे पहले राष्ट्रीय रायफल-22 ने यूपी एसटीएफ को मेरठ में जीतू फ़ौजी को सौंपा था। इसके बाद एसटीएफ़ ने बुलंदशहर पुलिस को सौंप दिया। जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू जम्मू-कश्मीर में तैनात था। स्याना गाँव में सोमवार को गोवंश के कुछ अवशेष मिलने पर हिंसा भड़क गई थी। इसी दौरान इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी गई थी। बवाल के अगले ही दिन जाकर जीतू ने ड्यूटी जॉइन कर ली थी।
इससे पहले मामले की जाँच कर रही उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम ने सेना से संपर्क किया था और आरोपी जीतू की हिरासत माँगी थी। जीतू पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की कथित हत्या के तुरंत बाद ही अपने घर से भाग गया था।
सूत्रों के अनुसार सेना के उच्चाधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद जीतू को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने का फ़ैसला किया गया।
पुलिस को फ़ौजी से पूछताछ में अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है। बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित की हत्या को सात दिन हो चुके हैं लेकिन मुख्य आरोपी योगेश राज को अब तक पुलिस नहीं पकड़ पाई है।
जीतू फ़ौजी पर आरोप क्या हैं?
हिंसा के दौरान के विडियो फ़ुटेज और तसवीरों की जाँच के बाद पुलिस ने आरोपी फ़ौजी जीतू की तलाश शुरू की थी। बताया जाता है कि फ़ुटेज में जीतू फ़ायरिंग करता दिख रहा है। हालाँकि, पुलिस का कहना है कि सुबोध कुमार सिंह की हत्या में जीतू के शामिल होने की पुष्टि की जानी अभी बाक़ी है।
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