नगालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी और उसके बाद जवानों पर स्थानीय लोगों के हमले में 15 लोगों के मारे जाने के बाद मोन ज़िले में तनाव बरक़रार है। स्थानीय लोगों ने रविवार की शाम असम राइफ़ल्स के कैंप पर हमला कर दिया, तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इस कांड में एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई।
'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' के अनुसार, गुस्साए स्थानीय लोगों ने दोषी लोगों के ख़िलाफ़ तुरन्त कार्रवाई की माँग करते हुए कैंप पर हमला कर दिया।
इसके अलावा गुस्साए लोगों ने कोन्याक यूनियन के दफ़्तर पर भी हमला कर दिया। कोन्याक इस इलाक़े का सबसे अधिक आबादी वाला कबीला है।
स्थानीय स्तर पर कई वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहे हैं, जिनमें तोड़फोड़, हिंसा और आगजनी की वारदात देखी जा सकती है।
इंटरनेट बंद
नगालैंड के गृह आयुक्त अभिजित सिन्हा ने कहा है कि मोन ज़िले में बढ़ते तनाव को देखते हुए इंटरनेट सेवा और बल्क एसएमएस सेवा को बंद कर दिया गया है।
मामला क्या है?
बता दें कि म्यांमार की सीमा से सटे नगालैंड के इलाक़े में हुई गोलीबारी में 15 लोगों की मौत हो गई है और कई सैनिक बुरी तरह घायल हुए हैं। यह गोलीबारी मोन ज़िले के ओतिंग गाँव में हुई।
'एनडीटीवी' ने पुलिस सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि म्यांमार सीमा पर हुई यह घटना 'ग़लत पहचान' के कारण हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए सुरक्षा बलों ने तिरु-ओतिंग सड़क पर घात लगाकर हमला करने की योजना बनाई थी और ग्रामीणों को विद्रोही समझ लिया।
'इंडिया टुडे' की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ ओतिंग गाँव के लोगों का एक समूह एक मिनी ट्रक में सवार होकर घर लौट रहा था, तभी उन्हें गोली मार दी गई।
गोलीबारी में ग्रामीणों के मारे जाने पर स्थानीय लोगों की गुस्साई भीड़ ने सुरक्षा बलों को घेर लिया। पुलिस सूत्रों ने कहा कि बलों को 'आत्मरक्षा' में भीड़ पर गोलियाँ चलानी पड़ीं और कई ग्रामीणों को गोलियाँ लगीं। रिपोर्ट है कि कुछ सुरक्षा वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
हॉर्नबिल फ़ेस्टिवल का बॉयकॉट
नगालैंड हिंसा की यह वारदात ऐसे समय हुई है जब पूर्वोत्तर का मशहूर सांस्कृतिक उत्सव हॉर्नबिल फ़ेस्टिवल चल रहा है। ईस्टर्न नगालैंड पीपल्स ऑर्गनाइजेशन ने कहा है कि छह क़बीलों के लोग इस सांस्कृतिक उत्सव में भाग नहीं लेंगे।
संगठन ने एक बयान जारी कर कहा है कि यह निर्णय राज्य सरकार या उत्सव के ख़िलाफ़ नहीं है। यह केंद्र सरकार और केंद्रीय सुरक्षा बल के ख़िलाफ़ लिया गया निर्णय है।
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