महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ यानी डब्ल्यूएफ़आई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखा है और इस बीच सरकार ने डब्ल्यूएफ़आई का चुनाव टाल दिया है। इसका चुनाव 7 मई को होने वाला था।
केंद्र सरकार ने 7 मई को होने वाले चुनाव को अवैध घोषित कर दिया है। इसके लिए डब्ल्यूएफ़आई चुनाव कराने के लिए आईओए की एक अस्थायी या तदर्थ समिति का गठन किया जाएगा और इसके गठन के 45 दिनों के भीतर चुनाव होना होगा। डब्ल्यूएफआई का अस्तित्व फिलहाल समाप्त हो गया है। ये घटनाक्रम तब हुआ जब देश के शीर्ष पहलवानों ने बृज भूषण के खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखा है। उन्होंने महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के लिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष पीटी उषा को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि वह डब्ल्यूएफ़आई के प्रबंधन के लिए उपयुक्त अंतरिम व्यवस्था करे। सरकार ने आईओए को एक तदर्थ समिति बनाने के लिए और इसके गठन के 45 दिनों के भीतर चुनाव कराने को कहा है।
बहरहाल, सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा, 'हम फ्रंट फुट पर हैं। हम भगवान की दया पर हैं। लेकिन हम युवा पहलवानों को बचाना चाहते हैं। बृजभूषण इसे यूपी और हरियाणा के बीच का मुद्दा बनाकर राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे साथ यूपी के पहलवान हैं जो हमारा समर्थन कर रहे हैं।'
अंग्रेज़ी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार प्रारंभिक रिपोर्ट बृज भूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों पर चुप है और एक आंतरिक अनुपालन समिति की अनुपस्थिति के साथ-साथ महासंघ और खिलाड़ियों के बीच प्रभावी बातचीत की ज़रूरत पर जोर देती है। निगरानी समिति के निष्कर्षों से पता चला है कि डब्ल्यूएफआई की कोई उचित समिति नहीं थी और शिकायत निवारण के लिए कोई पर्याप्त तंत्र नहीं था।
बता दें कि जाँच के लिए जो समिति बनी थी उसको लेकर ही सवाल उठे थे। इसी साल जनवरी में कुश्ती संघ से बृज भूषण को हटाने की मांग करने वाले पहलवानों में से एक विनेश फोगट ने दावा किया था कि जांच समिति का एक सदस्य प्रेस को 'संवेदनशील जानकारी' लीक कर रहा था। फोगट ने शख्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
विनेश फोगट ने जनवरी में इस मामले में एक ट्वीट कर कहा था कि ओवरसाइट समिति के एक सदस्य ने शिकायत की सामग्री को कथित तौर पर मीडिया में लीक कर दिया था।
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