भारतीय कुश्ती महासंघ
(डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हुए धरना प्रदर्शन के बाद। केंद्रीय
खेल मंत्रालय ने शनिवार की शाम डब्ल्यूएफआई के अतिरिक्त सचिव विनोद तोमर को
निलंबित कर दिया है।
मंत्रालय द्वारा निलंबित
किए जाने के बाद विनोद तोमर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी
नहीं दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि अगर मंत्रालय ने उन्हें निष्कासित किया है,
तो उन्हें अभी तक निलंबन का आदेश नहीं मिला है।
तोमर का निलंबन खेल
मंत्रालय और पहलवानों के बीच कल रात हुई बैठक का हिस्सा बताया जा रहा है। तोमर डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के साथ मिलकर काम करते हुए, डब्ल्यूएफआई के
रोजमर्रा के काम काज को देख रहे थे।
विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित कई अन्य
पहलवानों ने 18 जनवरी को
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ द इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के चेयरमैन बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ
यौन शोषण के आरोप लगाते हुए जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया था। विनेश फोगट ने
बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप लगाया था कि वह महिला पहलवानों को परेशान करते हैं।
धरने पर बैठी विनेश ने कहा
था कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष, जो उत्तर प्रदेश
से भाजपा सांसद के व्यवहार के कारण उन्होंने आत्महत्या करने तक के बारे में सोचने
लगी थी।
हालांकि बृज भूषण शरण
सिंह ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि अगर कोई पहलवान सामने आकर विनेश के
दावों की पुष्टि करता है, तो वह खुद को फांसी लगा लेंगे।
दो दिन तक चले धरने के
बाद कल शाम खेल मंत्री से मुलाकात के बाद पहलवानों ने अपना धरना समाप्त कर दिया था।
इस मसले पर खेल मंत्रालय की तरफ से एक समिति का गठन किया गया है, जो बृजभूषण शरण
सिंह पर लगे आरोपों की जांच करेगी। जांच समिति 30 दिनों में अपनी जांच रिपोर्ट मंत्रालय
को सौंपेगी। पहलवानों ने अपना धरना इसी आश्वासन पर खत्म किया है।
जांच पूरी होने तक बृजभूषण शरण सिंह को डब्ल्यूएफआई के कामकाज से दूर रखा गया है।
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