भारत के नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक 2024 में भाला फेंक (जेवलिन थ्रो) मुकाबले में 89.45 मीटर भाला फेंक कर सिल्वर मेडल जीता। हालाँकि, पाकिस्तान के अरशद नदीम ने बेहतर प्रदर्शन किया और 92.97 मीटर का नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। वह अब पाकिस्तान के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता हैं। ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स ने कांस्य (88.54 मीटर) जीता है।
नीरज का पहला थ्रो फाउल था। लेकिन नीरज के चेहरे पर कोई तनाव नहीं था। बारह मिनट बाद, उन्होंने एक बड़ा थ्रो किया - जो उनके सीज़न का सर्वश्रेष्ठ थ्रो बन गया। इसी थ्रो ने उन्हें सिल्वर दिलाया। हालांकि बाद के थ्रो में वो उतना बेहतर नहीं कर पाए। लेकिन जब आप एक बार सर्वश्रेष्ठ कर लें तो दूसरी बार भी सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद बढ़ जाती है। अरशद नदीम का प्रदर्शन नीरज से इसलिए बेहतर माना गया कि अरशद ने फाउल कम किया और दोनों थ्रो में वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया।
टोक्यो गेम्स के विपरीत, जहां स्टेडियम ज्यादातर खाली थे, नीरज को पेरिस में भारी भीड़ का समर्थन मिला। नीरज ने कहा- "मैं व्यक्तिगत रूप से भीड़ को बहुत पसंद करता हूं। टोक्यो में, स्टेडियम खाली थे लेकिन वहां बहुत सारे लोग थे। मैं भीड़ के दबाव का आनंद लेता हूं और महसूस करता हूं कि यह मुझसे सर्वश्रेष्ठ चाहता है। फाइनल के लिए मुझे खुद पर भरोसा था, लेकिन यह (सिल्वर पदक) मेरे भाग्य में लिखा था।”
नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम दोनों ही अच्छे दोस्त हैं। टोक्यो गेम्स में नीरज को गोल्ड मेडल मिला था। नदीम टोक्यो में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्हें चोट लगी हुई थी। सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा था। ऐसे में नीरज चोपड़ा ने पहल की और सोशल मीडिया पर ट्रोल करने वालों का मुंह बंद कराया था।
नदीम के पिता पाकिस्तान में मजदूरी करते हैं। उनके परिवार को अपनी पसंद का खाना पकाने के लिए पूरा दिन संघर्ष करना पड़ता है। नदीम सात भाई-बहनों में से तीसरे नंबर पर है। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक जब पाकिस्तान का राष्ट्रीय खेल बोर्ड यह तय कर रहा था कि पेरिस ओलंपिक के लिए जाने वाले सात एथलीटों में से किसे फंड देना है, तो केवल अरशद नदीम और उनके कोच को ही फंड के लिए योग्य माना गया। नदीम और उनके कोच सलमान फ़ैयाज़ बट भाग्यशाली थे, जिनके हवाई टिकटों की फंडिंग पीएसबी (पाकिस्तान स्पोर्ट्स बोर्ड) द्वारा की गयी थी। गुरुवार को, पंजाब क्षेत्र के खानेवाल गांव के 27 वर्षीय खिलाड़ी अरशद नदीम ने ओलंपिक रिकॉर्ड और धरती पर सबसे बड़े खेल मंच पर पाकिस्तान का पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतकर विश्वास का बदला चुकाया।
पीटीआई ने अरशद के पिता मुहम्मद अशरफ से बात की थी। अशरफ ने पीटीआई को बताया था- "लोगों को पता नहीं है कि अरशद आज इस जगह तक कैसे पहुंचे। उनके साथी ग्रामीण और रिश्तेदार कैसे पैसे दान करते थे ताकि वह अपने प्रशिक्षण और कार्यक्रमों के लिए दूसरे शहरों की यात्रा कर सकें।" कुछ महीने पहले जब अरशद ने अपनी ट्रेनिंग के लिए अपने पुराने भाले को नए से बदलने के लिए पाकिस्तान के अधिकारियों से अपील की, तो नीरज चोपड़ा ने तुरंत सोशल मीडिया पर नदीम का समर्थन किया था। खेलों में सरहदें नहीं देखी जातीं। यह बात नीरज और अरशद साबित कर रहे हैं।
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