अर्जेंटीना ने फीफा वर्ल्ड कप फाइनल जीत लिया। इसने पेनल्टी शूट-आउट में फ्रांस को 4-2 से हराया। मैडोना के बाद मेसी ने अपना सपना पूरा किया। तीसरी बार अर्जेंटीना ने टूर्नामेंट को अपने नाम किया है। इससे पहले उसने 1978 और 1986 में ट्रॉफी अपने नाम की थी। फ्रांस-अर्जेंटीना के बीच फीफा वर्ल्ड कप का फाइनल बेहद रोमांचक रहा। मुक़ाबला पेनल्टी शूट-आउट तक खींचा। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पहले तय 90 मिनट के समय में नतीजा नहीं निकला तो अतिरिक्त समय दिया गया। फिर भी दोनों टीमें बराबरी पर रहीं। और इसी वजह से मैच पेनल्टी शूट-आउट तक खींच गया।
पेनल्टी शूट-आउट में किसने किया गोल
शुरुआत फ्रांस की तरफ़ से हुई। फ्रांस की तरफ़ से किलियन एम्बाप्पा ने पहली पेनल्टी ली और उन्होंने इसे गोल में बदल दिया। इसके बाद अर्जेंटीना के लिए लियोनेल मेसी ने पहली पेनल्टी ली। उन्होंने शूटआउट को 1-1 से बराबर करवा दिया। इसके बाद फ्रांस के कोमान दूसरी पेनल्टी पर गोल करने से चूक गए। अर्जेंटीना के लिए डायवाला ने दूसरे पेनल्टी को गोल में बदलकर अपनी टीम की बढ़त 2-1 कर दी।
फ्रांस तीसरी पेनल्टी चूक गई। अर्जेंटीना के पास अभी भी 2-1 की बढ़त थी। पैराडेज ने अर्जेंटीना के लिए तीसरी पेनल्टी पर गोल किया। इस तरह अर्जेंटीना की बढ़त 3-1 हो गई। फ्रांस के लिए कोलो मुआनी ने चौथी पेनल्टी ली और उन्होंने मुकाबले को 3-2 कर दिया। आख़िर में आए मोंटील ने अर्जेंटीना की चौथी पेनल्टी पर गोल किया और अपनी टीम को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया।
हाफ टाइम के बाद फ्रांस ने जोरदार वापसी की थी। 79 मिनट तक मुक़ाबले में 2-0 से पीछे रहने के बाद फ्रांस ने दो मिनट से भी कम समय में दो गोल दागकर अपनी टीम की वापसी करवा दी थी।
फ्रांस ने पहला गोल पेनल्टी पर किया। और इसके बाद एक और गोल कर उन्होंने मुक़ाबले को और रोमांचक बना दिया था। खेल के लिए तय 90 मिनट के समय में दोनों टीमें 2-2 से बराबरी पर रहीं। हालाँकि इस बीच खिलाड़ियों के चोटिल होने पर 8 मिनट का इंजरी टाइम जोड़ा गया। तय समय में खेल का परिणाम नहीं आने पर खेल के लिए 30 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया। अतिरिक्त समय में भी दोनों टीमें मुक़ाबले में बराबरी पर रहीं।
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