“हम ज़िंदा हैं!” कोलकाता के अन्तर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह में शाहरुख़ ख़ान के वक्तव्य के ये आख़िरी तीन शब्द इस गुजरते साल 2022 के सबसे ताकतवर और सबसे प्यारे शब्द हैं। हम को हम बिहारवालों की तरह बोला सुना जा सकता है। अकेले व्यक्ति का होना। और इसे बहुवचनात्मक भी माना जा सकता है।
शाहरुख़ को क्यों कहना पड़ा- लोग कुछ भी सोचें, हम ज़िंदा हैं
- वक़्त-बेवक़्त
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- 19 Dec, 2022

कोलकाता समारोह में शाहरुख़ ख़ान के अलावा अमिताभ बच्चन भी बोले। अमिताभ बच्चन और शाहरुख़ ख़ान के वक्तव्यों से नई उम्मीद जगी है। जिनके पास खोने को बहुत कुछ है, अगर वे जनतंत्र के लिए बोलने को खड़े हो जाएँ तो उसके संघर्ष को बल मिलता है।
शाहरुख़ अपनी तरफ़ से बोल रहे थे, ख़ान जैसे नाम वालों की तरफ़ से बोल रहे थे, कलाकारों की तरफ़ से बोल रहे थे और उस हिंदुस्तानी जनता की तरफ़ से भी जो ख़ुद को शाहरुख़ ख़ान के हम में शामिल मानती है।